डेंगू बुखार में इनका करें सेवन तो Immune System के साथ Platelets करेंगे Improve

डेंगू बुखार में इनका करें सेवन तो Immune System के साथ Platelets करेंगे Improve

कोविड-19 के बाद से जरा सा भी बुखार परेशान कर देता है। इन दिनों डेंगू बुखार तेजी से फैल रहा है। डेंगू एडीस एजिप्टी नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। जब कोई मच्छर डेंगू बुखार से ग्रस्त किसी रोगी को काटता है, और फिर वही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, …

कोविड-19 के बाद से जरा सा भी बुखार परेशान कर देता है। इन दिनों डेंगू बुखार तेजी से फैल रहा है। डेंगू एडीस एजिप्टी नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। जब कोई मच्छर डेंगू बुखार से ग्रस्त किसी रोगी को काटता है, और फिर वही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, तो वायरस स्वस्थ व्यक्ति के खून में पहुंच जाता है। इससे स्वस्थ व्यक्ति को भी डेंगू बुखार हो जाता है। लक्षण आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दवा के साथ घरेलू उपाय भी कारगर हो सकते हैं।

डेंगू के वायरस चार प्रकार के होते हैं। डेंगू फीवर चार प्रकार के वायरस में से किसी एक प्रकार के वायरस के कारण होता है। यदि किसी व्यक्ति को एक बार डेंगू हो जाए तो ठीक होने के बाद शरीर में उस वायरस के लिए एक विशेष एन्टीबॉडी बन जाती है। इस कारण शरीर में उस वायरस के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। बाकी के तीन प्रकार के वायरस से वह कुछ समय के लिए ही सुरक्षित रहता है।

लक्षण
डेंगू से संक्रमित होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही किसी व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं। ज्यादातर 4 या 7 दिनों के बाद लक्षण दिखना शुरू हो जाता है। इस बुखार में हड्डियों में दर्द के साथ व्यक्ति को 104 डिग्री तक बुखार भी आता है। ब्लड प्रेशर, हृदयगति, आंखों का लाल होना, भूख ना लगना, सिर दर्द, ठंड लगना जैसे लक्षण सामने आते हैं।

नीम के पत्तों का रस पीने से प्लेटलेट्स और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि होती है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली में भी सुधार करता है। इसलिए डेंगू के इलाज के दौरान चिकित्सक की सलाह अनुसार नीम का सेवन करें।

गिलोय डेंगू बुखार के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है और शरीर के संक्रमण में कमी लाता है। गिलोय के तने को उबाल कर इसका काढ़ा बनाकर पिएं। यह डेंगू के लक्षणों को असरदार तरीके से कम करता है।
2-3 ग्राम गिलोय पीस लें। इसमें 5-6 तुलसी की पत्तियां मिलाकर एक गिलास पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। इसे मरीज को पिलाएं।

तुलसी की पत्तियां डेंगू बुखार में बहुत फायदेमंद साबित होती हैं। यह शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालती हैं, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं। 5-7 तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इसमें एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर पिएं।

पपीते के पत्ते डेंगू बुखार में बहुत लाभदायक होते हैं। अगर आपको डेंगू बुखार के लक्षण नजर आते हैं तो चिकित्सक की सलाह के अनुसार इसका सेवन करें। पपीते में मौजूद पोषक तत्वों और कार्बनिक यौगिकों का मिश्रण प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करता है।

मेथी के पत्ते बुखार में कमी लाते हैं, तथा शरीर में दर्द होने पर भी आराम पहुंचाते है। यह डेंगू बुखार के लक्षणों को शान्त करने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।

संतरे के रस में एंटीओक्सीडेंट्स और विटामिन सी होता है, जो डेंगू फीवर के वायरस को नष्ट करने के लिए बेहतर माना जाता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है।

चुकंदर के रस में अधिक मात्रा में एंटीओक्सीडेंट्स होता है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक गिलास गाजर के रस में मिलाकर पिएं तो खून में प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ता है।

खान-पान का रखें ध्यान
बुखार में अधिक पानी पिए। रोगी को ताजा सूप, जूस और नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। नींबू पानी बनाकर पिएं। हर्बल टी  अदरक और इलायची डालकर पिएं। सूप में गाजर, खीरा और अन्य पत्तेदार सब्जियां मिलाकर पीने से आवश्यक विटामिन और खनिजों से परिपूर्ण है जो रोगी के प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाने में मदद करते हैं। डेंग के बुखार में दलिया फायदा करता है क्योंकि इसमें उच्च फाइबर और पोषक तत्व रोगों से लड़ने के लिए पर्याप्त शक्ति देते हैं। डेंगू के रोगी को प्रोटीन की बहुत आवश्यकता होती है। इसलिए पनीर का सेवन किया जा सकता है।

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