अमरोहा : संदिग्ध परिस्थितियों में मिला संविदा कर्मचारी का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

अमरोहा/उझारी, अमृत विचार। नगर पंचायत संविदा कर्मचारी का शव रैन बसेरा के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे से लटका हुआ मिला। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर थानाध्यक्ष सैद नगली, पुलिस क्षेत्राधिकारी हसनपुर, उपजिलाधिकारी हसनपुर सहित उच्च अधिकारी पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने कार्रवाई का …
अमरोहा/उझारी, अमृत विचार। नगर पंचायत संविदा कर्मचारी का शव रैन बसेरा के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे से लटका हुआ मिला। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर थानाध्यक्ष सैद नगली, पुलिस क्षेत्राधिकारी हसनपुर, उपजिलाधिकारी हसनपुर सहित उच्च अधिकारी पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए परिजनों को समझाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। क्षेत्रीय विधायक महेंद्र सिंह खड़कवंशी में मौके पर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना दी तथा कार्रवाई कराए जाने का आश्वासन दिया।
थाना सैद नगली के गांव तरारा खुर्द निवासी प्रेम शंकर पुत्र होते राम (48 वर्ष) बीते 30 वर्षों से नगर पंचायत कार्यालय में प्लंबर के रूप में कार्यरत है। रविवार की सुबह को वह घर से आया और करीब 9:30 बजे प्रेम शंकर का शव नगर पंचायत कार्यालय में बने रैन बसेरे के कमरे में लटका हुआ बरामद हुआ। सूचना पर परिजन भी मौके पर पहुंच गए उन्होंने आरोप लगाया कि अधिशासी अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह राठौर पिछले कई महीने से प्रेम शंकर का उत्पीड़न कर रहा था। तीन माह से तनख्वाह भी नहीं दी जा रही थी।
प्रेम शंकर जब भी तनख्वाह के लिए कहता तो अधिशासी अधिकारी द्वारा गाली गलौज एवं जाति सूचक शब्द का प्रयोग किया जाता। घर जाकर आप बीती सुनाता लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ। रविवार की सुबह को भी उसके फोन पर अनेक बार घंटी बजी। फोन रिसीव करके किसी ने उसे नगर पंचायत कार्यालय में बुला लिया। प्रेमशंकर 7:30 बजे घर से नगर पंचायत कार्यालय के लिए निकल गया।
लेकिन 9:30 बजे संदिग्ध परिस्थिति में उसका शव नगर पंचायत कार्यालय के रैन बसेरे के कमरे में केबिल द्वारा पंखे से लटका हुआ मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, तो परिजन भड़क गए और हंगामा करने लगे। परिजनों का आरोप था कि अधिशासी अधिकारी एवं जीतू नामक कर्मचारी ने मिलकर प्रेम शंकर को मौत के घाट उतारा है। हंगामा बढ़ता देख पुलिस क्षेत्राधिकारी हसनपुर सतीश चंद्र पांडे, उपजिलाधिकारी हसनपुर एवं क्षेत्रीय विधायक महेंद्र सिंह खड़कवंशी भी मौके पर पहुंच गए। परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन वहां से शव पीएम के लिए भेजे जाने को तैयार हुए। मृतक प्रेम शंकर के पुत्र धर्मपाल सिंह ने तहरीर देकर अधिशासी अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह राठौर, शफीक ठेकेदार एवं जीतू के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में जब अधिशासी अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह राठौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे उपर लगाए गए आरोप निराधार हैं। प्रतिमाह प्रेमशंकर की सैलरी उसके खाते में जाती रही है। जब भी वह कार्यालय में आता था उसकी उपस्थिति भी दर्ज होती थी। पीएम रिपोर्ट में सब कुछ साफ हो जाएगा कि प्रेमशंकर की हत्या हुई है या उसने आत्महत्या की है।
संविदा कर्मी के शव मिलने के मामले में परिजनों की तहरीर पर ईओ समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। -सतीश पांडे, सीओ हसनपुर
गुस्साए परिजनों ने किया तोड़फोड़ का प्रयास
उझारी। नगर पंचायत कार्यालय में संविदा कर्मचारी प्रेमशंकर का शव मिलने के बाद गुस्साए परिजनों ने नगर पंचायत कार्यालय की विंडो पर ईट एवं पत्थर से प्रहार किए क्योंकि कार्यालय में जीतू नामक दूसरा प्लंबर भी बैठा हुआ था। जिसको तहरीर में नामजद किया गया है। परिजन पुलिस के लाख समझाने पर भी शांत नहीं हो रहे थे। घटनास्थल पर पहुंचे विधायक महेंद्र सिंह खड़कवंशी ने हर संभव कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर परिजन वहां से शव उठाने को राजी हुए।