क्रांतिकारी मंगल पांडेय के बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र सदा श्रद्धापूर्वक स्मरण करेगा : बृजेश राम त्रिपाठी

क्रांतिकारी मंगल पांडेय के बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र सदा श्रद्धापूर्वक स्मरण करेगा : बृजेश राम त्रिपाठी

गोरखपुर। भारत मां के अमर सपूत मंगल पांडेय के 165वीं बलिदान दिवस के पूर्व संध्या पर गुरूकृपा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने मंगल पांडेय अमर रहें के जयघोष लगाए, दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित किया।अंग्रेजी शासन के विरुद्ध जंगे आज़ादी का बिगुल फूंकने वाले पहले क्रान्तिवीर मंगल पांडे ने क्रान्ति की जो मशाल जलाई, उसने आगे …

गोरखपुर। भारत मां के अमर सपूत मंगल पांडेय के 165वीं बलिदान दिवस के पूर्व संध्या पर गुरूकृपा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने मंगल पांडेय अमर रहें के जयघोष लगाए, दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित किया।अंग्रेजी शासन के विरुद्ध जंगे आज़ादी का बिगुल फूंकने वाले पहले क्रान्तिवीर मंगल पांडे ने क्रान्ति की जो मशाल जलाई, उसने आगे चलकर 1857 के व्यापक स्वाधीनता संग्राम का रूप लिया।

संगठन प्रमुख बृजेश राम त्रिपाठी ने कहा कि प्रथम स्वाधीनता संग्राम 1857 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बलिया निवासी क्रांतिकारी मंगल पांडेय ब्रिटिश शासन के ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इंफेन्ट्री के सिपाही थे। ब्राह्मण कुल में जन्में मूलतः सनातनी धर्मावलंबी मंगल पांडेय गाय की चर्बी मिले कारतूस को मुँह से काटने से मना कर दिया जिस पर तिलमिलाए फिरंगियों ने उन्हे गिरफ्तार कर लिया।

मंगल पांडेय सैनिकों से कह रहे थे कि अंग्रेज हमारे धर्म को भ्रष्ट कर रहे हैं।उन्होंने प्रतिज्ञा की कि जो भी अंग्रेज मेरे सामने आयेगा, मैं उसे मार दूंगा।मंगल पांडेय ने 29 मार्च, 1857 को उन्होंने विद्रोह कर दिया। अंग्रेजी हुकूमत आज़ादी आंदोलन का षडयंत्रकारी बताते हुए उन्हें बागी करार दिया और 8 अप्रैल 1857 को फांसी पर लटका दिया। उन्होंने कहा कि समूचा देश आजादी की लड़ाई के महानायक के रूप में सम्मान देता है। इस अवसर पर महिपाल साहनी, पुनीत शुक्ला अविनाश गुप्ता, प्रदीप त्रिपाठी, डॉ. आशीष पाण्डेय, अभिषेक त्रिपाठी, मनीष पांडेय, रमा पांडेय, अजीत शुक्ला, शिवांगी पांडेय, घनश्याम पांडेय आदि उपस्थित रहे।

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