बरेली: बैंकिंग गड़बड़ी से कोटेदारों पर लटकी कार्रवाई की तलवार
बरेली, अमृत विचार। पूर्ति विभाग के दो कोटेदारों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। दोनों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले खाद्यान्न के लिए भुगतान किया, लेकिन पैसा सरकारी खाते में पहुंचा नहीं। यूटीआर आईडी के साथ चालान जमा करने के बाद इनको खाद्यान्न भी दे दिया गया। कोटेदारों ने राशन …
बरेली, अमृत विचार। पूर्ति विभाग के दो कोटेदारों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। दोनों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले खाद्यान्न के लिए भुगतान किया, लेकिन पैसा सरकारी खाते में पहुंचा नहीं। यूटीआर आईडी के साथ चालान जमा करने के बाद इनको खाद्यान्न भी दे दिया गया।
कोटेदारों ने राशन भी बांट दिया। महीने के आखिर में मिलान के दौरान रकम कम निकली तो अधिकारी हैरान रह गए। जांच में पता चला कि दो कोटेदारों की यूटीआर आईडी से ट्रांजेक्शन ही फेल हो गया और पैसा वापस उनके खाते में चला गया। कोटेदारों की गलती इतनी है कि रुपये वापस आने का मैसेज मिलने के बावजूद विभाग को जानकारी नहीं दी। अब कार्रवाई से बचने के लिए कोटेदार अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं।
बैंक जनरेट करता है यूटीआर आईडी
दरअसल, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बांटा जाने वाला राशन अब मुफ्त नहीं है। जुलाई के खाद्यान्न का वितरण अगस्त में शुरू कराया गया था। राशन खरीदने के लिए कोटेदारों को चालान के साथ बैंक में भुगतान कर यूटीआर आईडी लगानी पड़ती है। यह यूटीआर आईडी बैंक द्वारा जनरेट की जाती है, जिसके जरिए पैसा सरकारी खाते में जाता है।
आलमगिरीगंज के कोटेदार ओम प्रकाश ने बैंक में लगभग 19 हजार व हरुनगला के कोटेदार सर्वेश कुमार ने लगभग 18 हजार रुपये का भुगतान कर दिया। यूटीआर आईडी के साथ चालान गोदाम व डीएसओ कार्यालय में जमा कर दिया। कोटेदारों को उनके खाद्यान्न की डिलीवरी भी हो गई। महीने के आखिर में 37500 रुपये कम निकले तो अधिकारी परेशान हो गए। तीनों गोदामों पर कोटेदारों के डेटा का मिलान कराया गया। जांच में पता चला कि दोनों कोटेदारों की यूटीआर आईडी बैंकिंग गड़बड़ी से फेल हो गई। पैसा वापस कोटेदारों के खाते में चला गया।
खाते से पैसा नहीं निकाला था
वित्तीय अनियमितता के कारण दुकान निलंबन की चर्चा चली तो वृद्ध कोटेदार ओम प्रकाश डीएसओ कार्यालय पहुंचे और कहा कि उन्हें बैंक से खाते में पैसे वापस आने के बारे में पता नहीं चला। उन्होंने खाते से पैसा भी नहीं निकाला है।
मिलान के दौरान गड़बड़ी पकड़ में आई। बैंक में तकनीकी कारणों के चलते पैसा वापस कोटेदारों के खाते में चला गया था। अब दोनों कोटेदारों ने पैसा जमा कर दिया है। फिलहाल जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी—नीरज सिंह, जिलापूर्ति अधिकारी।
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