Saratchandra
साहित्य 

सती

सती 1- हरीश पबना एक संभ्रांत, भला वक़ील है, केवल वक़ालत के हिसाब से ही नहीं, मनुष्यता के हिसाब से भी। अपने देश के सब प्रकार के शुभ अनुष्ठानों के साथ वह थोड़ा-बहुत संबंधित रहता है। शहर का कोई भी काम उसे अलग रखकर नहीं होता। सबेरे ‘दुर्नीति-दमन-समिति’ की कार्यकारिणी सभा का एक विशेष अधिवेशन था, …
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साहित्य 

अनुपमा का प्रेम…

अनुपमा का प्रेम… ग्यारह वर्ष की आयु से ही अनुपमा उपन्यास पढ़-पढ़कर मस्तिष्क को एकदम बिगाड़ बैठी थी। वह समझती थी, मनुष्य के हृदय में जितना प्रेम, जितनी माधुरी, जितनी शोभा, जितना सौंदर्य, जितनी तृष्णा है, सब छान-बीनकर, साफ़ कर उसने अपने मस्तिष्क के भीतर जमा कर रखी है। मनुष्य-स्वभाव, मनुष्य-चरित्र, उसका नख दर्पण हो गया है। संसार …
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साहित्य 

बलि का बकरा…

बलि का बकरा… लोग उसे लालू के नाम से पुकारते थे, लेकिन उसका घर का नाम कुछ और भी था। तुम्हें यह पता होगा कि ‘लाल’ शब्द का अर्थ प्रिय होता है। यह नाम उसका किसने रखा था, यह मैं नहीं जानता; लेकिन देखा ऐसा गया है कि कोई-कोई व्यक्ति यों ही सबके प्रिय बन जाते हैं। लालू …
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