Jaun Elia
साहित्य 

कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे

कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे शाम हुए ख़ुश-बाश यहाँ के मेरे पास आ जाते हैं मेरे बुझने का नज़्ज़ारा करने आ जाते होंगे वो जो न आने वाला है ना उस से मुझ को मतलब था आने वालों से क्या मतलब आते …
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साहित्य 

वो

वो वो किताब-ए-हुस्न वो इल्म ओ अदब की तालीबा वो मोहज़्ज़ब वो मुअद्दब वो मुक़द्दस राहिबा किस क़दर पैराया परवर और कितनी सादा-कार किस क़दर संजीदा ओ ख़ामोश कितनी बा-वक़ार गेसू-ए-पुर-ख़म सवाद-ए-दोश तक पहुँचे हुए और कुछ बिखरे हुए उलझे हुए सिमटे हुए रंग में उस के अज़ाब-ए-ख़ीरगी शामिल नहीं कैफ़-ए-एहसासात की अफ़्सुर्दगी शामिल नहीं वो …
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साहित्य 

तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो

तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो तुम्हारा हिज्र मना लूँ अगर इजाज़त हो मैं दिल किसी से लगा लूँ अगर इजाज़त हो तुम्हारे बा’द भला क्या हैं वअदा-ओ-पैमाँ बस अपना वक़्त गँवा लूँ अगर इजाज़त हो तुम्हारे हिज्र की शब-हा-ए-कार में जानाँ कोई चराग़ जला लूँ अगर इजाज़त हो जुनूँ वही है वही मैं मगर है शहर नया यहाँ भी शोर …
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साहित्य 

जॉन एलिया: जानें कैसे बने उर्दू के महान शायर, मिली दुनियाभर में अलग पहचान

जॉन एलिया: जानें कैसे बने उर्दू के महान शायर, मिली दुनियाभर में अलग पहचान लखनऊ। भारत में कई जानें माने दिग्गज शयर, साहित्कार मशहूर हुए हैं। उन्हीं में से आज हम आपको एक महान शेयर जॉन एलिया शाहब में बताने जा रहे हैं। जॉन शाहब उर्दू के महान शायर थे, जिनका जन्म 14 दिसंबर 1931 में अमरोहा यूपी में हुआ था। वर्तमान समय के शायरों में सबसे ज्यादा उन्हें …
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