World Water Day 2025: वर्ल्ड वाटर डे क्यों जरुरी, क्या खत्म हो रहा धरती का पानी 

World Water Day 2025: वर्ल्ड वाटर डे क्यों जरुरी, क्या खत्म हो रहा धरती का पानी 

अमृत विचार। जल है तो कल है' ये सिर्फ एक लाइन ही नहीं बल्कि एक सच्चाई है जीवन की।  आज विश्व जल दिवस के मौके पर हम आपको ये बताना चाहते है। कि आज जब हम एक ऐसे दौर में है जहां पर अगला वर्ल्ड वॉर ही पानी पर लड़ा जायेगा। तो फिर ये अपनेआप में बहुत जरुरी हो जाता है कि हम अपने जल को कल के लिए जरूर बचाये। भारत एक ऐसा देश जो बहुत तेजी से विकसित होने की ओर अग्रसर है। लेकिन हम आज एक ऐसे पायदान पर खड़े है जहां से हमारा अगला कदम ही हमें हमारे उज्जवल भविष्य की ओर लें जायेगा। 

आज यानि 22 मार्च को हर साल मनाया जाने वाला विश्व जल दिवस का थीम 'ग्लेशियर संरक्षण' है। दुनिया जहां तीन तरफ पानी से घिरा हुआ है लेकिन पीने योग्य पानी केवल 3 फीसदी है और ये भी लगातार घट रहा है। वर्ल्ड वाटर डे मनाने का उद्देश्य पानी के महत्व को समझना और इसके प्रति हो रहे अथाह इस्तेमाल को रोकने पर विचार करने के लिया किया जाता है।

पानी का उपयोग और सही इस्तेमाल

इंसानी शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना होता है। यह शरीर के तापमान को कंट्रोल करता है। साथ ही पोषक तत्त्व को शरीर तक पहुँचता है। एक इंसानी शरीर प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी पीता है। वहीं पानी का उपयोग खेती, उद्योग और बिजली बनाने के लिए भी किया जाता है। और भी दूसरे छोटे बड़े काम है जिनका पानी के बिना काम नहीं चलता है। 

धरती पर मौजूद 3 प्रतिशत पानी 

पानी जो की हमारे पास केवल 3 प्रतिशत ही है। जिसमे से 2 प्रतिशत ग्लेशियर और बर्फ से निकलता है। केवल 1 प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। प्राकतिक रूप से पानी का पुनर्चक्रण होता है। एक ही पानी कई अरब साल से इस धरती पर मौजूद है। पानी का कोई रंग, आकर नहीं होता है। लेकिन इसे देखने पर इस हलके नीले रंग जैसा लगता है। 

दुनिया का बड़ा हिस्सा झेल रहा पानी की कमी 

दुनिया की आबादी का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पानी की सुविधा उपलब्ध ही नहीं है। हर साल लाखो लोग पानी से जुडी बीमारियों का शिकार हो रहे है और अपनी जान तक गवा देते है। आज एक समाया जलवायु परिवर्तन की भी है। लेकिन इसका गहरा असर हमारे किसानो पर ज्यादा भारी पड़ रहा है। भारत एक किसान प्रधान देश है और आज भी कई किसान खेती के लिए मानसून पर निर्भर है। 

पानी बचने के उपायों कोप अपनाना 

पानी को अगर आज ही संरक्षित नहीं किया तो आने वाले समय में पानी को खरीदना पड़ सकता है मेट्रो सिटी में इसका असर देखने को भी मिलने लगा है। वहीं इसका सही इस्तेमाल करना और समय-समय पर इसका संचय करना बहुत जरुरी है। हम अपने स्कूलों, ऑफिस और सार्वजानिक जगह पर इसके प्रति जागरूकता कर ही इसके प्रति सजग रहा जा सकता है। नहीं तो आने वाले साल इससे भी बदतर हो जायेगे।  

 

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