कैफी आज़मी
<% catList.forEach(function(cat){ %>
<%= cat.label %>
<% }); %>
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<%= node_description %>
<% } %>
Read More...
<%- node_title %>
Published On
By <%= createdBy.user_fullname %>
<% if(node_description!==false) { %>
<%= node_description %>
<% } %>
<% catList.forEach(function(cat){ %>
<%= cat.label %>
<% }); %>
Read More...
Kaifi Azmi Birth Aanniversary : बचपन से ही कैफी आजमी में थी शायर बनने की प्रतिभा, जानें उनसे जुड़ी बातें
Published On
By Bhawna
मुंबई। मशहूर शायर और गीतकार कैफी आजमी की शेरो-शायरी की प्रतिभा बचपन ही दिखाई देने लगी थी। उत्तर प्रदेश मे आजमगढ़ जिले के मिजवां गांव में 14 जनवरी 1919 को जन्में सैयद अतहर हुसैन रिजवी उर्फ कैफी आजमी के पिता...
Read More...
उठ मिरी जान मिरे साथ ही चलना है तुझे…
Published On
By Amrit Vichar
उठ मिरी जान मिरे साथ ही चलना है तुझे क़ल्ब-ए-माहौल में लर्ज़ां शरर-ए-जंग हैं आज हौसले वक़्त के और ज़ीस्त के यक-रंग हैं आज आबगीनों में तपाँ वलवला-ए-संग हैं आज हुस्न और इश्क़ हम-आवाज़ ओ हम-आहंग हैं आज जिस में जलता हूँ उसी आग में जलना है तुझे उठ मिरी जान मिरे साथ ही चलना …
Read More...
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं
Published On
By Amrit Vichar
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता मिरी तरह तिरा दिल बे-क़रार है कि नहीं वो पल कि जिस में मोहब्बत जवान होती है उस एक पल का तुझे इंतिज़ार है कि नहीं तिरी …
Read More...
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
Published On
By Amrit Vichar
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो आँखों में नमी हँसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो बन जाएँगे ज़हर पीते पीते ये अश्क जो पीते जा रहे हो जिन ज़ख़्मों को वक़्त भर चला है तुम क्यूँ उन्हें छेड़े जा रहे हो रेखाओं का …
Read More...
कैफ़ी आज़मी ने अपनी अम्मा से कहा था, एक दिन दुनिया का मैं बड़ा शायर बनूंगा…
Published On
By Amrit Vichar
कैफ़ी आज़मी का असली नाम अख्तर हुसैन रिजवी था। उत्तरप्रदेश के आजमगढ़ जिले के छोटे से गांव मिजवां में 14 जनवरी 1919 में जन्मे थे। गांव के भोलेभाले माहौल में कविताएं पढ़ने का शौक लगा। भाइयों ने प्रोत्साहित किया तो खुद भी लिखने लगे। 11 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली गज़ल लिखी। ज़मींदार …
Read More...