APJ Abdul Kalam Death Anniversary : डॉ. कलाम के इन विचारों से युवा संवार सकता है अपना Future

APJ Abdul Kalam Death Anniversary : डॉ. कलाम के इन विचारों से युवा संवार सकता है अपना Future

नई दिल्‍ली। पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम की लोगों के दिलों में अलग ही जगह है। बुधवार को उनकी 7वीं पुण्‍यतिथ‍ि है। उनकी यादें अमिट हैं। मिसाइल मैन को याद करते हुए बड़ी संख्‍या में लोगों ने माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इससे कलाम ट्रेंड करने लगे। कलाम की पुण्यतिथि ऐसे समय …

नई दिल्‍ली। पूर्व राष्‍ट्रपति डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम की लोगों के दिलों में अलग ही जगह है। बुधवार को उनकी 7वीं पुण्‍यतिथ‍ि है। उनकी यादें अमिट हैं। मिसाइल मैन को याद करते हुए बड़ी संख्‍या में लोगों ने माइक्रोब्‍लॉगिंग साइट ट्विटर पर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। इससे कलाम ट्रेंड करने लगे। कलाम की पुण्यतिथि ऐसे समय पड़ी है जब सोमवार को द्रौपदी मुर्मू ने राष्‍ट्रपति पद की शपथ ली है। वहीं, रामनाथ कोविंद की राष्‍ट्रपति भवन से विदाई हुई है।

बेशक, आजादी के बाद देश को 15 राष्ट्रपति मिल चुके हैं। लेकिन, जिस तरह की छाप कलाम ने छोड़ी उसकी तुलना करना मुश्‍किल है। शायद यही वजह है कि उन्‍हें पीपुल्‍स प्रेसिडेंट कहा जाता था। अब्दुल कलाम देश के 11वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने 2002 के राष्ट्रपति चुनाव में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ चुनाव में 9,22,884 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की थी। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा था।

ट्विटर पर लोगों ने कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए उन्‍हें देश का सच्‍चा हीरो बताया। एक यूजर ने कहा कि कलाम अक्‍सर बच्‍चों से बातें किया करते थे। उन्‍हें बड़ा सोचने की सीख दिया करते थे। उन्होंने कई पुस्‍तकें भी लिखीं। कलाम को देश-विदेश की 48 यूनिवर्सिटी और संस्‍थानों से डॉक्‍टरेट की मानद उपाधि मिली।

पूर्व राष्‍ट्रपति एवं मिसाइल मैन डॉ. एपीजे अब्‍दुल कलाम का हरियाणा के यमुनानगर से बेहद खास लगाव था। आज भी उनसे जुड़ी यादें यहां के लोगों ने संभाल कर रखी हैं। डॉ. कलाम अपने कार्यकला के दौरान यमुनानगर में आए थे। उन्‍होंने 4 अप्रैल 2003 में उन्‍होंने चूहड़पुर हर्बल पार्क का उद्घाटन किया था। डाक्‍टर कलाम ने यहां नपर रुद्राक्ष का एक पेड़ भी लगाया था। अब यह पेड़ बड़ा हो चुका है और इसमें कई रुद्राक्ष भी लग चुके हैं।

गीता की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र से मिसाइल मैन डाक्‍टर कलाम दो बार आए थे। दोनों बार कुरुक्षेत्र के लोगों पर अपनी कार्यशैली की छाप छोड़ गए। साल 2007 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पहुंचे तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा का अनावरण किया था। ज्‍योतिसर पहुंचकर वहां की जानकारी ली थी।

इसके बाद डाक्‍टर कलाम साल 2015 में कुरुक्षेत्र के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 12वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। यहां पर अपने भाषण के दौरान गाउन परंपरा को बदलने की सलाह दी थी। इसके बाद साल 2018 में एनआइटी ने इसमें बदलाव किया था।

कई 2007 में अब्‍दुल कलाम भिवानी भी आए थे। वहां पर गांव कलिंगा में 36 करोड़ का बजट विकास कार्य के लिए दिया था। गांव के पास में ही हेलीपैड बनाया गया था। गांव में हेलीकाप्‍टर पहुंचने पर बच्‍चों में उत्‍साह था। हेलीकाप्‍टर से नीचे उतरने के बाद डाक्‍टर कलाम सीधे बच्‍चों के पास गए और उनसे हाथ भी मिलाया था।



डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के टॉप 10 प्रेरणादायी क्वोट्स

-ख़्वाब वह नहीं होते जो हम सोते में देखते हैं, बल्कि ख़्वाब वह होते हैं जो हमें सोने ही न दें।
-हमें जीवन में कभी किसी से हार नहीं माननी चाहिए और समस्या को हमें हराने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
-इस दुनिया में किसी को हराना बहुत ही आसान है, लेकिन किसी को जीतना उतना ही मुश्किल है।
-पहली बार जीत मिलने पर हमें आराम नहीं करना चाहिए. अगर दूसरी बार हार गए तो लोग बोलेंगे कि हमें मिली पहली जीत केवल एक तुक्का थी.”
-अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो सबसे पहले सूरज की तरह जलो।
-विज्ञान मानवता के लिए एक खूबसूरत तोहफा है, हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए।
-जानें कि आप कहां जा रहे हैं.दुनिया में सबसे बड़ी बात यह नहीं जानना है कि हम कहां खड़े हैं, हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
-जब आपकी आशाएं और सपने और लक्ष्य धराशायी हो जाते हैं, तो मलबे के बीच खोज करें, आपको खंडहर में छिपा एक सुनहरा अवसर मिल सकता है।
-देश का सबसे अच्छा दिमाग कक्षा की आखिरी बेंच पर पाया जा सकता है।
-यदि आप समय की रेत पर अपने पैरों के निशान छोड़ना चाहते हैं, तो अपने पैरों को मत खींचो।

 

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