शाहजहांपुर: हनुमान मंदिर के नाम बाबू अली ने दान की एक बीघा जमीन

शाहजहांपुर, अमृत विचार। लखनऊ-बरेली नेशनल हाइवे पर स्थित कस्बा तिलहर के गांव कछियानीखेड़ा के पास बने प्राचीन हनुमान मंदिर की शिफ्टिंग से पहले मंदिर के नाम भूमि की रजिस्ट्री करा दी गई। इसके लिए मंदिर के पीछे स्थित भूमि के स्वामी असमत उल्ला खां उर्फ बाबू अली ने अपनी एक बीघा जमीन हनुमान मंदिर के …
शाहजहांपुर, अमृत विचार। लखनऊ-बरेली नेशनल हाइवे पर स्थित कस्बा तिलहर के गांव कछियानीखेड़ा के पास बने प्राचीन हनुमान मंदिर की शिफ्टिंग से पहले मंदिर के नाम भूमि की रजिस्ट्री करा दी गई। इसके लिए मंदिर के पीछे स्थित भूमि के स्वामी असमत उल्ला खां उर्फ बाबू अली ने अपनी एक बीघा जमीन हनुमान मंदिर के नाम दान कर दी।
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साथ ही बाबू अली ने कहा कि अगर मंदिर के लिए और जमीन की आवश्यकता हुई तो वह एक बीघा और जमीन दान कर देंगे। रजिस्ट्री के बाद एसडीएम और तहसीलदार असमत उल्ला ख़ां के साथ मंदिर पहुंचे। मंदिर में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के सानिध्य में रजिस्ट्री के पेपर हनुमान लला के चरणों में अर्पित कर माथा टेका और भव्य मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया।
बता दें कि बता दें कि लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाइवे पर स्थित बरेली-सीतापुर फोरलेन में सिर्फ तिलहर के पास सिर्फ कुछ हिस्सा बनना बाकी है। कछियानी खेड़ा गांव के पास वर्षों पुराना मंदिर है। चौड़ीकरण में वह फोरलेन के बीच में आ गया है। एनएचएआई के अधिकारियों ने इसे तोड़कर इसे दूसरी जगह बनाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन श्रद्धालु तैयार नहीं हुए। इसके बाद प्रशासन ने अब अत्याधुनिक तरीके से चरणबद्ध ढंग से मंदिर को हूबहू खिसकाकर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए ठेका लेने वाली हरियाणा के भिवानी की जय दुर्गा हाउस लिफ्टिंग एंड शिफ्टिंग कंपनी मंदिर को पीछे हटाने का काम कर रही है।
मंदिर निर्माण के लिए असमत उल्ला ख़ां उर्फ बाबू अली की जमीन को पहले खरीदने योजना बनाई गई। हालांकि बाबू अली सहमत नहीं हुए तो पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के हस्तक्षेप बाबू अली ने एक बीघा भूमि दान करने पर सहमत हो गए। साथ ही उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो वे एक बीघा जमीन और दान दे देंगे। इसी के तहत मंगलवार की देर शाम बैनामा हो गया। बैनामा में एक लाख चालीस हजार का स्टांप लगा है।
पश्चात एसडीएम राशि कृष्णा, तहसीलदार ज्ञानेंद्र नाथ, भूमि दान करने वाले असमत उल्ला, उनके पुत्र आफताब अली ने शाहजहांपुर से आए स्वामी चिन्मयानंद के साथ रजिस्ट्री के कागज हनुमान जी की प्राचीन मूर्ति के चरणों में अर्पित किए। स्वामीजी और अधिकारियों ने मंदिर में माथा टेका और भव्य मंदिर का निर्माण का संकल्प लिया। इस दौरान मुमुक्षु आश्रम के पूर्व प्राचार्य डॉ. अवनीश मिश्रा, अधिवक्ता फिरोज हसन खां, आफताब अली खान आदि मौजूद रहे।
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के प्रयास से हुई मंदिर के नाम रजिस्ट्री
पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को जैसे ही पता लगा कि प्राचीन हनुमान मंदिर की शिफ्टिंग को लेकर विरोध हो रहा है। वह समर्थकों के साथ 20 सितंबर को हनुमान मंदिर पहुंचे थे। उन्होंने संतों, श्रद्धालुओं और हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों से वार्ता के बाद प्राचीन हनुमान मंदिर में संध्या आरती की थी।
पश्चात वे एक दिन भी शांत नहीं बैठे और हनुमान मंदिर के लिए जुट गए। उनके अथक प्रयासों का ही प्रतिफल है कि प्राचीन हनुमान मंदिर के नाम रजिस्ट्री हो गई है। रजिस्ट्री होने से मंदिर के महंत, संतों और हिंदू संगठनों में खुशी की लहर है।
हनुमान मंदिर के नाम जमीन दान कर मिली खुशी: बाबू अली
नगर के हिंदू पट्टी निवासी भूस्वामी हसमत उल्ला खान उर्फ बाबू अली कहा कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को हिंदू भाइयों का हमेशा सहयोग मिला। हिंदू-मुस्लिम एकता को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने हनुमान मंदिर के नाम अपनी एक बीघा जमीन दान की है। इस दौरान उनकी स्वामी चिन्मयानंद के जरिए मुख्यमंत्री से भी बात हुई। भूमि दान कर बेहद खुशी मिली है। अगर मंदिर के लिए और जमीन की आवश्यकता हुई तो वह एक बीघा और जमीन मंदिर के लिए हनुमान लला के नाम कर देंगे।
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