प्रयागराज: आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद के लिए स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री की अनिवार्यता नहीं-HC

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ी कार्यकत्री के पद के लिए अर्हता पर विचार करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर नियुक्ति के लिए मेरिट सूची न्यूनतम योग्यता यानी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट योग्यता के आधार पर तैयार की जानी चाहिए, न कि स्नातक और परास्नातक डिग्री के आधार पर उम्मीदवार का मूल्यांकन होना चाहिए।
उक्त आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार की एकलपीठ ने चांदनी पांडेय की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया। बता दें कि याची ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर अपनी उम्मीदवारी पर विचार करने के लिए हाईकोर्ट में वर्तमान याचिका दाखिल की थी, इसमें बताया गया कि उसके आवेदन को केवल इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि तकनीकी गड़बड़ी के कारण वह आवेदन पत्र के साथ अपनी स्नातकोत्तर की डिग्री अपलोड नहीं कर सकी थी।
मामले के तथ्यों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद हेतु स्नातक और स्नातकोत्तर योग्यता को अधिमान्य योग्यता नहीं माना जा सकता है, क्योंकि उन्हें अधिमान्य घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है और इसके लिए कोई अतिरिक्त अंक भी आवंटित नहीं किए गए हैं।
स्नातकोत्तर डिग्री के अनुसार मेरिट सूची तैयार करने का प्रावधान केवल निर्देशात्मक माना जाता है। इसी के साथ कोर्ट ने विपक्षियों को निर्धारित न्यूनतम योग्यता के अनुसार ही मेरिट सूची तैयार करने का निर्देश देते हुए जारी किए गए विज्ञापन के अनुसार याची की योग्यता आंगनबाड़ी सहायिका के रूप में उसके प्रदर्शन और हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकों के आधार पर तय करने का आदेश दिया।
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