Queen Elizabeth II Death: जब UP आई थीं ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय, किया था ताज का दीदार
लंदन। ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक शासन करने वालीं महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में गुरुवार को बैलमॉरल कैसल (स्कॉटलैंड) में निधन हो गया। इससे पहले बकिंघम पैलेस ने एक बयान में बताया था कि डॉक्टरों ने महारानी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई और…उन्हें मेडिकल निगरानी में रखने की सलाह दी। …
लंदन। ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक शासन करने वालीं महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में गुरुवार को बैलमॉरल कैसल (स्कॉटलैंड) में निधन हो गया। इससे पहले बकिंघम पैलेस ने एक बयान में बताया था कि डॉक्टरों ने महारानी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई और…उन्हें मेडिकल निगरानी में रखने की सलाह दी। बकौल रिपोर्ट्स, महारानी को अक्टूबर 2021 से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो रही थीं।
यूके की महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के निधन के बाद उनके बेटे किंग चार्ल्स ने कहा है कि मेरी प्रिय मां का निधन मेरे और मेरे परिवार के लिए…दुख का सबसे बड़ा क्षण है। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं…देशभर, कॉमनवेल्थ देश और दुनियाभर के अनगिनत लोग…उनके निधन से दुखी हैं।
इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने बताया है कि ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के निधन के कारण शुक्रवार को लंदन के केनिंग्टन ओवल में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल नहीं होगा। इसके अलावा, रेचल हेहो फ्लिंट ट्रॉफी के शुक्रवार के सभी शेड्यूल्ड मैच भी नहीं खेले जाएंगे।
ब्राज़ीलियाई फुटबॉल लेजेंड पेले ने यूके की महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के निधन के बाद इंस्टाग्राम पर उनके साथ तस्वीरें शेयर कर लिखा कि एलिज़ाबेथ-द्वितीय 1968 में जब ब्राज़ील आई थीं…तब मैंने पहली बार उन्हें व्यक्तिगत रूप से देखा था…तभी से उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं। बकौल पेले, “उसके कुछ साल बाद…उन्होंने…मुझे…ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (ब्रिटेन का सर्वोच्च सम्मान) दिया था।
प्रिंस चार्ल्स अपनी मां महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के निधन के बाद यूके के सम्राट बन गए हैं। वहीं, 73-वर्षीय प्रिंस चार्ल्स की पत्नी कैमिला क्वीन कंसोर्ट बन गई हैं।
यूके की महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के 96 वर्ष की उम्र में निधन के बाद उनके बेटे चार्ल्स को किंग चार्ल्स-तृतीय का ताज पहनाया जाएगा। वहीं, चार्ल्स के सबसे बड़े बेटे प्रिंस विलियम और विलियम की पत्नी केट मिडलटन अब ड्यूक ऐंड डचेस ऑफ कॉर्नवाल ऐंड कैम्ब्रिज के नाम से जाने जाएंगे। चार्ल्स की पत्नी कैमिला क्वीन कंसोर्ट बन गई हैं।
पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के निधन पर कहा है कि मैं आहत हूं…महारानी को हमारे समय की एक दिग्गज शख्सियत के रूप में याद रखा जाएगा…उन्होंने अपने देश और लोगों को प्रेरणादायी नेतृत्व दिया। बकौल पीएम, “महारानी ने एक मुलाकात में मुझे महात्मा गांधी का दिया हुआ एक रुमाल दिखाया था…जो बापू ने उनकी शादी में दिया था।
राहुल गांधी और ममता बनर्जी ने जताया शोक
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ-द्वितीय के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया कि मेरी संवेदनाएं…ब्रिटेन के लोगों व शाही परिवार के साथ है। उन्होंने लिखा कि प्रतिबद्धता व गरिमा के साथ अपने देश की सेवा करते हुए…उनका एक लंबा व गौरवशाली शासन रहा। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लिखा, एक युग का अंत हुआ।
जब यूपी आई थीं ब्रिटेन की क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और उनके पति प्रिंस फिलिप तीन बार भारत आए थे। सबसे पहले साल 1961, फिर 1983 और फिर 1997 में उन्होंने भारत का दौरा किया था। साल 1961 में भारत दौरे पर आईं क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय यूपी भी आई थीं। ब्रिटेन का शाही जोड़ा ताजमहल का दीदार करने पहुंचा था। इसके अलावा उन्होंने बंबई (मुंबई), बनारस (वाराणसी), उदयपुर, जयपुर, बैंगलोर (बेंगलुरु), मद्रास (चेन्नई) और कलकत्ता (कोलकाता) की भी यात्रा की थी।
महारानी ने भारत में मिली गर्मजोशी और आतिथ्य की खूब तारीफ भी की थी। उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा था कि भारतीयों की गर्मजोशी और आतिथ्य भाव के अलावा भारत की समृद्धि और विविधता हम सभी के लिए एक प्रेरणा रही है। महारानी ने 1983 में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) में हिस्सा लेने के लिए भारत की यात्रा की थी।इस दौरान उन्होंने मदर टेरेसा को ऑर्डर ऑफ द मेरिट की मानद उपाधि से नवाजा था।
भारत की उनकी अंतिम यात्रा देश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हुई थी। इस दौरान उन्होंने पहली बार औपनिवेशिक इतिहास के कठोर दौर का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि यह कोई रहस्य नहीं है कि हमारे अतीत में कुछ कठोर घटनाएं हुई हैं। जलियांवाला बाग एक दुखद उदाहरण है। महारानी और उनके पति ने बाद में 1919 में नरसंहार के गवाह बने अमृतसर के जलियांवाला बाग का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की थी।
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