यूपी बोर्ड के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल बनेंगे चुनौती, सरकारी कॉलेजों में कंडम हो चुकी हैं लैब

यूपी बोर्ड के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल बनेंगे चुनौती, सरकारी कॉलेजों में कंडम हो चुकी हैं लैब

लखनऊ। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं अपनी प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं। कॉलेजों में अभी तक प्रयोगात्मक कार्य नहीं कराए गए हैं। पिछला साल कोरोना संक्रमण के चलते बेकार चला गया और सत्र 2021-22 के भी वही हालात हैं। इस बार भी यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं जनवरी में होनी थीं लेकिन कोरोना के …

लखनऊ। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राएं अपनी प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लेकर चिंतित हैं। कॉलेजों में अभी तक प्रयोगात्मक कार्य नहीं कराए गए हैं। पिछला साल कोरोना संक्रमण के चलते बेकार चला गया और सत्र 2021-22 के भी वही हालात हैं। इस बार भी यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं जनवरी में होनी थीं लेकिन कोरोना के कारण नहीं हो सकीं। अधिकतर कॉलेजों में अभी तक छात्र-छात्राओं की फाइल तक तैयार नहीं हुई है। वहीं यूपी बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। परीक्षाएं 24 मार्च हैं, उसके बाद प्रयोगात्मक परीक्षाएं करायी जायेंगी।

ऐसा पहली बार हो रहा है जब परीक्षा पहले और प्रयोगात्मक परीक्षाएं बाद में होंगी। छात्रों कहना है कि अभी तक प्रयोगात्मक कार्य के नाम पर कुछ नहीं कराया गया है। यदि प्रयोगात्मक परीक्षा हो जाए तो छात्र कुछ नहीं कर पाएंगे। राजकीय बलिका इंटर कॉलेज की छात्रा रूचि अग्रवाल ने बताया कि कॉलेजों में लैब तक दुरूस्त नहीं है, तो प्रयोगात्मक पढ़ाई कैसे पूरी हो पाती है। यही हाल लखनऊ इंटर कॉलेज, व राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज का भी है। यहां पढ़ने वाले छात्र अमन, गौरव, मंयक ने बताया कि अभी तक कोई प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तैयारी नहीं करायी गयी है। छात्रों का कहना है कि पहले लैब दुरूस्त कराया जाना बहुत जरूरी है।

कैमरे की निगरानी में था प्रयोगात्मक परीक्षा कराने का दावा

यूपी बोर्ड की ओर से पूर्व में जारी आदेश के मुताबिक इस बार प्रैक्टिकल भी कैमरे की निगरानी में कराये जाने का दावा किया गया था। जिस स्कूल के प्रैक्टिकल लैब में कैमरा नहीं होगा वहां जीरो अंक दिया जाएगा। यूपी बोर्ड का रुख पिछली बार से भी ज्यादा सख्त दिख रहा है। इस बार सभी विषयों के प्रैक्टिकल की अलग से वीडियोग्राफी कराई जानी है। वीडियोग्राफी की एक कॉपी स्कूल प्रबंधक को डीआईओएस को जमा करानी अनिवार्य होगी। बोर्ड का कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से स्कूलों में प्रैक्टिकल में होने वाले खेल नहीं हो सकेंगे।

मूल्यांकन के आधार पर दिए जाते हैं नंबर

यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कक्षाओं में हर साल प्रैक्टिकल एग्जाम होते हैं। 10वीं में 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाते हैं। वहीं 12वीं में 30 अंक में से 15 अंक वाह्य परीक्षक और 15 अंक आतंरिक मूल्यांकन में देने का प्रावधान है। पिछली प्रैक्टिकल परीक्षाओं में कई बार बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां पकड़ी जा चुकी हैं।

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