Post Covid Symptoms: कोरोना रिकवरी के बाद भी मरीजों को हो रही शारीरिक समस्याएं, जानें उपाय…

Post Covid Symptoms: कोरोना रिकवरी के बाद भी मरीजों को हो रही शारीरिक समस्याएं, जानें उपाय…

Post Covid Symptoms: कोरोना की दूसरी लहर का पीक खत्म हुए करीब नौ माह बीच चुके हैं। इसके बावजूद पोस्ट कोविड मरीजों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। संक्रमण और उसके इलाज के बाद भी मरीजों में भूलने की समस्या बरकरार है। अकेले केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में हर महीने 50 से …

Post Covid Symptoms: कोरोना की दूसरी लहर का पीक खत्म हुए करीब नौ माह बीच चुके हैं। इसके बावजूद पोस्ट कोविड मरीजों की दिक्कतें कम नहीं हो रही हैं। संक्रमण और उसके इलाज के बाद भी मरीजों में भूलने की समस्या बरकरार है।

अकेले केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी में हर महीने 50 से अधिक मरीज भूलने की समस्या लेकर ओपीडी में आ रहे हैं। कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती मरीजों में यह समस्या देखने को मिल रही है।

केजीएमयू मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डॉ. आदर्श त्रिपाठी के मुताबिक लंबे समय तक भर्ती होकर इलाज कराने वाले कुछ कोरोना संक्रमित व्यवहार में एकदम से बदलाव आया है। हमेशा घर-बाहर अधिक सक्रिय रहने वाले, शांत, सरल स्वभाव के लोग कोरोना से उबरने के बाद तनाव की समस्या से जूझ रहे हैं। कुछ लोगों को भूलने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पोस्ट कोविड न्यूरोसाइक्रेटिक सिक्वेल की समस्या घर कर गई है।

भर्ती मरीजों में मिली ज्यादा दिक्कत

बलरामपुर अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. देवाशीष शुक्ला के मुताबिक संक्रमण के दौरान मस्तिष्क में सूजन या हाइपोक्सिया के कारण हो सकता है। जो कि अधिक उम्र के लोगों या गंभीर बीमारी के कारण आईसीयू में भर्ती होने वालों में देखी जा सकती है।

इस कारण से भ्रम व भूलने जैसी समस्या पैदा होती है। कोविड के दौरान अधिक तनावपूर्ण स्थिति का सामना करना भी एक बड़ा कारण हो सकता है। कुछ ऐसे भी लोग ओपीडी में आ रहे हैं जो खुद तो कोरोना की चपेट में नहीं आए पर उनके घर-परिवार के लोग कोरोना की गिरफ्त में आकर लंबे समय तक अस्पताल में इलाज कराते रहे। ऐसे लोग डर के शिकार हो गए हैं।

क्या हैं उपाय

  • तनाव से बचने के लिए पर्याप्त नींद लें।
  • योग एवं ध्यान करें।
  • संतुलित आहार लें।
  • नकारात्मक विचारों से बचें।
  • पौष्टिक भोजन लें।
  • किसी भी बात को मन में लेकर लंबे समय तक उदास न रहें। उसे अपनों से साझा करें।
  • परिवार या दोस्तों के साथ बैठें और खुलकर बात करें।
  • मनपसंद फिल्म देखें, पुस्तक पढ़े, बागवानी करें।