पीलीभीत: मालिकाना हक पता लगाने को खंगाल रहे नक्शा, पैमाइश भी होगी

पीलीभीत: मालिकाना हक पता लगाने को खंगाल रहे नक्शा, पैमाइश भी होगी

पीलीभीत, अमृत विचार। चौक बाजार में नगर पालिका की जमीन पर कब्जा करने के बहुचर्चित मामले में पुराने सिटी मजिस्ट्रेट के तबादले के बाद धीमी गति से ही सही, मगर नगर पालिका के अफसर सुध लेते दिखाई दे रहे हैं। विवादित जमीन पर पास कराए गए नक्शे को खारिज कराने से पहले साक्ष्य जुटाने की …

पीलीभीत, अमृत विचार। चौक बाजार में नगर पालिका की जमीन पर कब्जा करने के बहुचर्चित मामले में पुराने सिटी मजिस्ट्रेट के तबादले के बाद धीमी गति से ही सही, मगर नगर पालिका के अफसर सुध लेते दिखाई दे रहे हैं। विवादित जमीन पर पास कराए गए नक्शे को खारिज कराने से पहले साक्ष्य जुटाने की तैयारी है। जमीन पर मालिकाना हक पता लगाने को नगर पालिका के अधिकारी नक्शा निकलवा रहे हैं। वहीं, जमीन की पैमाइश भी कराई जाएगी। इसके लिए ईओ की ओर से कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।

शहर के मुख्य मार्गों में शुमार चौक बाजार में नगर पालिका की जमीन है। यहां पर कई सालों से गणेश चतुर्थी उत्सव का भी आयोजन होता है। जमीन बेशकीमती होने पर कई रसूखदारों की निगाह जमीन पर थी। एक साल पहले जमीन पर कब्जा करने के आरोप लगाए गए। कब्जा करने वाले इस जमीन पर दुकानों का निर्माण कराने की भी फिराक में लगे रहे। इसकी शिकायत हुई। मगर, सख्ती सिर्फ काम रूकवाने तक सीमित रही।

बीते सप्ताह भी दोबारा काम कराए जाने की शिकायत पर पुलिस ने काम रूकवा दिया था। यह भी सामने आया था कि रसूखदारों ने जमीन का गलत तरीके से नक्शा भी पास करवा लिया। इसे लेकर नगर पालिका के अधिकारियों ने नक्शा कैंसिल कराने की बात कही थी। मगर, इसे लेकर कार्रवाई शुरू करने से पहले अब साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

ताकि आगे चलकर किसी तरह के विवाद की स्थिति न बनें। ईओ ने कर्मचारियों को लगाकर नक्शा निकलवा रहे हैं। जिससे जमीन के मालिकाना हक को लेकर उठ रहे विवाद पर पूरी तरह से स्थिति स्पष्ट हो सके। इसके अलावा जमीन और सामने की सड़क की पैमाइश भी कराई जाएगी। इसके लिए कर्मचारियों को निर्देशित भी कर दिया है।उसके बाद मामले में आगे कदम उठाए जाएंगे।

एक ही जमीन को लेकर दो अलग रिपोर्ट कैसे लग गई
विवादित जमीन को लेकर प्रशासनिक तंत्र की एक बड़ी चूक भी उजागर हुई है। पूर्व में मुख्यमंत्री पोर्टल पर इस मामले की शिकायत हुई थी। उस वक्त पोर्टल पर समाधान दर्शा दिया गया था। स्थानीय अफसरों की ओर से यह रिपोर्ट लगाई गई कि ये जमीन नगर पालिका की है। लेखपाल को भेजकर काम रूकवा दिया है। साथ ही किए गए अतिक्रमण को तोड़ने के भी निर्देश देना बताया था।

मगर, कुछ महीने बाद ही इस जमीन पर दोबारा निर्माण हुआ और शिकायत की गई। इसमें सामने आया कि इसे निजी जमीन बताकर नक्शा भी पास कर दिया गया।एक ही अफसर के कार्यकाल में दो अलग-अलग रिपोर्ट लगाया जाना किसी के गले नहीं उतर सका है। वहीं, सांठगांठ के भी आरोप लग रहे हैं। हालांकि प्रशासन और नगर पालिका के अधिकारी इसे लेकर चुप्पी साध गए हैं। इतना जरूर पूरे खेल के पीछे पुराने सिटी मजिस्ट्रेट का नाम सुर्खियां बना है।

‘चौक बाजार में जमीन के मामले में मालिकाना हक पता लगाने के लिए नक्शा निकलवाया जा रहा है। इससे काफी मदद मिलेगी। टीम को मौके पर जाकर पैमाइश कराने के भी निर्देश दे दिए हैं। इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।’
-सुरेंद्र प्रताप, ईओ

इसे भी पढ़े-

पीलीभीत: संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की मौत, पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव