अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण की आवश्यकता नहीं: सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि देश के सभी शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के पास प्रेरित करने …
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि देश के सभी शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों के पास प्रेरित करने के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवी हैं और इसलिए स्वयंसेवी रंगरूट की पर्याप्त संख्या मिलने में कोई समस्या नहीं है।
अतः देश के सभी शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। उनसे पूछा गया था कि क्या सरकार देश के युवाओं को अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बना रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या कोई ऐसे स्वेच्छापूर्ण तरीके हैं, जिनसे कोई व्यक्ति सैन्य प्रशिक्षण ले सकता है और उक्त अवधि के लिए सैन्य बलों के साथ काम कर सकता है।
इसके जवाब में भट्ट ने कहा कि प्रतिबद्धता, समर्पण, आत्म-अनुशासन और नैतिक मूल्यों की भावना के साथ समग्र विकास में देश के युवाओं और नागरिकों के बीच पर्याप्त सामान्य अनुशासन और चरित्र निर्माण सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1948 में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) का गठन किया गया था।
उन्होंने कहा कि एनसीसी स्वैच्छिक साधन प्रदान करता है, जिसके द्वारा व्यक्ति सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं और कुछ समय अवधि के लिए सेनाओं के साथ कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा होमगार्ड जैसे विभिन्न स्वयंसेवी संगठन और अन्य संगठन भी मौजूद हैं।
ये भी पढ़े-
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल बोले- अगर विपक्ष जिम्मेदार हो जाए तो आसानी से चल सकता है सदन