एसटीएच में 12 आईसीयू और 30 ऑक्सीजन बेड पर ताला
-एचएमपीवी के डर के बीच स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल -निर्माणाधीन एजेंसी अभी तक अस्पताल को हस्तांरित नहीं कर पाई यूनिट
हल्द्वानी, अमृत विचार: ह्यूमन मेटोन्यूमो वायरस (एचएमपीवी) श्वसन तंत्र रोग दुनियाभर में पैर पसार रहा है और हम अपने अस्पतालों की बात करें तो कोरोना के समय जो स्वास्थ्य सुविधाएं जोड़े जाने की तैयारी की गईं थीं, वह अभी आधू-अधूरे निर्माण के साथ ताले के अंदर हैं। कोरोना के समय एसटीएच में स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 12 बेड का आईसीयू और 30 ऑक्सीजन बेड की यूनिट बनाना शुरू किया था लेकिन अभी तक इस पर ताला ही लगा है।
एसटीएच में 125 आईसीयू बेड हैं। अस्पताल में 12 आईसीयू और 30 ऑक्सीजन बेड की यूनिट को बनाने का का लटका हुआ है। अब एचएमपीवी वायरस की वैश्विक स्तर पर दस्तक हो गई है लेकिन यहां अभी भी ताला लगा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार निर्माण एजेंसी ने इस वार्ड को बनाया तो इसकी छत टपकने लगी थी। जिसे ठीक कराया गया। बाद में पता चला कि निर्माण इस तरह से कर दिया गया है कि मरीज को वार्ड के अंदर ले जाना ही मुश्किल है। करीब चार माह पूर्व स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने निर्माण करने वाली कंपनी को आदेश दिया था कि निर्माण को पूरा करके इसे अस्पताल का हस्तांतरित कर दिया जाए लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। एमएस डॉ. जीएस तितियाल ने कहा कि कंपनी से फिर से कहा जाएगा कि शीघ्र काम पूरा कर लिया जाए।
बेस अस्पताल में आईसीयू पर ताला
हल्द्वानी। बेस अस्पताल में कोविड की पहली लहर के दौरान इमरजेंसी वार्ड के ऊपर वाले तले पर नौ बेड का आईसीयू बनाया गया था। इस वार्ड को बनाकर तैयार किए हुए तीन साल से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक स्टाफ नहीं होने की वजह से वार्ड में ताला लगा हुआ है। पीएमएस डॉ. केके पांडे ने बताया कि स्टाफ आने के बाद आईसीयू सेवा शुरू कर दी जाएगी।
अस्पतालों में बीमारियों से निपटने के लिए करें इंतजाम: सीएमओ
हल्द्वानी। ह्यूमन मेटोन्यूमो वायरस (एचएमपीवी), इन्फ्लुएंजा और निमोनिया आदि बीमारियों से निपटने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरीश चंद पंत ने सभी सरकारी अस्पतालों के लिए एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने कहा कि ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस सामान्य सर्दी जुकाम के लक्षणों के साथ ही आता है, साथ ही 3 से 5 दिन के भीतर स्वतः ही ठीक हो जाता है। जिसको लेकर किसी प्रकार कि भ्रांति, भय की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने एतिहायात के तौर पर ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस समेत अन्य शीतकालीन संबंधित समस्त श्वसन तंत्र रोगों से बचाव एवं रोकथाम के लिए सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लूएंजा व निमोनिया रोगियों के उपचार के लिए पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड आक्सीजन बेड, आईईसीयू बेड, वेंटिलेटर आक्सीजन सिलेंडर और समस्त चिकित्सालयों में आवश्यक औषिधियों एवं सामग्री आदि की उपलब्धता करें। साथ ही चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें।
एसटीएच में ऑक्सीजन प्लांट की मरम्मत शुरू
हल्द्वानी। कोविड काल के दौरान डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे। तीन कंपनियों के पांच ऑक्सीजन प्लांट अस्पताल में हैं इनमें से दो प्लांट खराब चल रहे हैं। जिस वजह से अस्पताल को बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाने पड़ रहे हैं। अस्पताल में टाटा कंपनी के सहयोग से 1000 एलपीएम के दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए थे। एचएलएल कंपनी की ओर से 500 एलपीएम के दो ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए थे। इसके अलावा अनंजय कंपनी की ओर से 1000 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया था। इनमें से एचएलएल कंपनी के दोनों प्लांट खराब चल रहे हैं। साथ ही अनंजय कंपनी का भी ऑक्सीजन प्लांट खराब चल रहा है। अब प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी के निर्देश पर खराब पड़े ऑक्सीजन प्लांट को सही करना शुरू कर दिया गया है।