राजस्थान उच्च न्यायालय में पहली बार एक साथ न्यायाधीश बने पति-पत्नी

राजस्थान उच्च न्यायालय में पहली बार एक साथ न्यायाधीश बने पति-पत्नी

जयपुर। न्यायमूर्ति महेन्द्र गोयल और न्यायमूर्ति शुभा मेहता राजस्थान उच्च न्यायालय के इतिहास में न्यायधीश के रूप में सेवा देने वाले पहले दंपती बन गए हैं। केन्द्र सरकार के विधि व न्याय विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर राजस्थान उच्च न्यायालय में शुभा मेहता और कुलदीप माथुर की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ती की …

जयपुर। न्यायमूर्ति महेन्द्र गोयल और न्यायमूर्ति शुभा मेहता राजस्थान उच्च न्यायालय के इतिहास में न्यायधीश के रूप में सेवा देने वाले पहले दंपती बन गए हैं। केन्द्र सरकार के विधि व न्याय विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर राजस्थान उच्च न्यायालय में शुभा मेहता और कुलदीप माथुर की न्यायाधीश के रूप में नियुक्ती की है। शुभा मेहता के पति महेन्द्र गोयल राजस्थान उच्च न्यायालय में पहले से न्यायाधीश हैं।

ऐसा पहली बार है जब पति-पत्नी न्यायाधीश के रूप में एक ही उच्च न्यायालय में साथ काम करेंगे। शुभा मेहता की नियुक्ति न्यायिक अधिकारी कोटे से हुई है जबकि कुलदीप माथुर को वकील कोटे से नियुक्त किया गया है। माथुर राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर मुख्य पीठ में वकालत करते थे।

न्यायमूर्ति मेहता उच्च न्यायालय में न्यायाधीश नियुक्त होने से पहले उदयपुर के जिला एवं सत्र अदालत में जज थे। न्यायमूर्ति महेन्द्र गोयल की नियुक्ति नवंबर 2019 में वकील कोटे से हुई थी। शुभा मेहता और कुलदीप माथुर की नियुक्ति से राजस्थान उच्च न्यायालय में न्याधीशों की संख्या बढकर 27 हो गई है। हालांकि राजस्थान उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 है। अभी भी 23 पद खाली है।

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