उर्स-ए-रजवी में आए जायरीन को भा रहा बरेली का इत्र, दीनी सामान, किताबों और टोपियों की डिमांड भी ज्यादा

उर्स-ए-रजवी में आए जायरीन को भा रहा बरेली का इत्र, दीनी सामान, किताबों और टोपियों की डिमांड भी ज्यादा

बरेली, अमृत विचार। आला हजरत फाजिले बरेलवी के 104वें उर्स-ए-रजवी का आगाज बुधवार को परचम कुशाई की रस्म अदायगी के साथ हो गया। आज उर्स के दूसरे दिन लाखों की संख्या में सुबह से देश विदेश से जायरीन के आने का सिलसिला जारी है। दरगाह से लेकर उर्स स्थल तक नजारा देखने लायक था। इतनी …

बरेली, अमृत विचार। आला हजरत फाजिले बरेलवी के 104वें उर्स-ए-रजवी का आगाज बुधवार को परचम कुशाई की रस्म अदायगी के साथ हो गया। आज उर्स के दूसरे दिन लाखों की संख्या में सुबह से देश विदेश से जायरीन के आने का सिलसिला जारी है। दरगाह से लेकर उर्स स्थल तक नजारा देखने लायक था। इतनी भीड़ थी कि लोगों को पैर रखने तक की जगह नहीं थी। इस दौरान लगी दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई। इस मौके पर कलकत्ता से आए महताब अबसार ने बताया वह कई साल से आला हजरत फाजिले बरेलवी के उर्स-ए-रजवी में टोपियों की दुकान लगा रहे हैं। उनके पास 20 रुपये से शुरू होकर 150 रुपए तक की टोपी है। इस बार बरकाती, पाकिस्तानी, लंबी टोपी, जयपुरी टोपी समेत बच्चों वाली टोपी की डिमांड ज्यादा है।

बरेली के सुरमे की डिमांड
आला हजरत फाजिले बरेलवी का 104वें उर्स-ए-रजवी में आए जायरीन सबसे ज्यादा बरेली का सुरमा, दीनी किताबों की ज्यादा डिमांड है। जायरीन का कहना है कि उर्स में आने वाले जायरीन बरेली से दीनी सामान आदि जरूरत का सामान ले जा रहे हैं। आला हजरत के उर्स में सभी सामान एक ही जगह मिल जा रहा है।

मिठाइयों की दुकानों पर लगी भीड़
आला हजरत के उर्स में आने वाले जायरीन वापसी के दौरान जरूरत का सामान तो अपने साथ ले ही जा रहे हैं। वह बच्चों के लिए मिठाई, बरेली का मशहूर पेठा, गजक, रबड़ी आदि भी ख़रीदकर ले जा रहे हैं। आज उर्स के दूसरे दिन बसों आदि वाहनों से बाहर से आने वाले जायरीन का सिलसिला जारी है।

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