बरेली: बारिश अपने पीछे छोड़ गई तबाही का मंजर, धान की फसल बर्बाद, खून के आंसू रो रहा किसान
बरेली, अमृत विचार। बीते कई दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को खूब रुलाया है। मंगलवार को आखिरकार बारिश थम गई और मौसम साफ हो गया, लेकिन बारिश अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गई है। खेत के खेत जलमग्न हो गए और धान की फसल बिछ गई। वहीं किसान अपनी बर्बादी का मंजर देखकर …
बरेली, अमृत विचार। बीते कई दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को खूब रुलाया है। मंगलवार को आखिरकार बारिश थम गई और मौसम साफ हो गया, लेकिन बारिश अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गई है। खेत के खेत जलमग्न हो गए और धान की फसल बिछ गई। वहीं किसान अपनी बर्बादी का मंजर देखकर खून के आंसू रो रहा है।
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दरअसल, बेमौसम और तेज बरसात होने से जन जीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया था। बरसात से किसानों की हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो गईं। जिनमें से सबसे ज्यादा नुकसान धान की फसल को हुआ है। इसके अलावा मिर्च और उड़द आदि फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं बरेली में रामनगर ब्लॉक के भूरीपुर गांव में भी सैकड़ों बीघा धान की फसल बारिश और तेज हवा के कारण खेतों में ही गिर गई है।
मंगलवार को मौसम साफ हुआ और धूप खिली तो किसान अपने-अपने खेतों में पहुंचे। जहां अपने आंसू पोंछते हुए जलमग्न खेतों से धान की फसल को किसी तरह बाहर निकालना शुरू किया। कई किसान तो ऐसे हैं, जिनकी कटी फसल खेतों में पड़ी थी, लेकिन बारिश ने उनकी बर्बादी की कहानी लिख दी और खेतों में पानी भरने से उनकी धान की फसल जमने लगी। भूरीपुर गांव के पूर्व प्रधान बादाम सिंह की भी कई बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई है।
पूर्व प्रधान ने बताया कि उनके और उनके परिवार के लोगों की लगभग 80 बीघा धान की फसल खराब हो गई है। कुछ धान तो उठ गए थे, लेकिन बारिश शुरू हो गई और कई बीघा कटी फसल खेत में ही पड़ी रह गई। जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। वहीं किसान दयाराम ने बताया कि उनकी 18 बीघा धान की कटी फसल जलमग्न हो गई है।
लगातार कई दिन बरसात होने की वजह से वह फसल को खेतों से बाहर नहीं निकाल पाए। जिससे उनका बड़ा नुकसान हुआ है। किसान धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि उनकी नौ बीघा की धान की फसल में पानी भर गया है। पानी निकालने का कोई रास्ता भी नहीं था। जिसकी वजह से फसल खराब हो गई है। वहीं अब किसान अपनी किस्मत को कोस रहे हैं, क्योंकि जब फसल सींचने के लिए बारिश की जरूर थी तब हुई नहीं और जब उन्होंने किसी तरह फसल तैयार की तो अब बेमौसम की बरसात ने उसको बर्बाद कर दिया।
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