प्रयागराज: एटीएस ने नक्सली गतिविधियों में संलिप्त आरोपी को दबोचा, महाकुंभ से पहले सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
प्रयागराज, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश एटीएस ने नक्सली गतिविधियों में संलिप्त अभियुक्त मनीष श्रीवास्तव उर्फ राकेश उर्फ गणेश पुत्र मंगल प्रसाद श्रीवास्तव को रविवार को शिवकुटी इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। प्रयागराज महाकुंभ की तैयारी अब आखिरी चरण में है। आगामी 13 जनवरी से होने वाले महाकुंभ पर्व में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। जिनकी सुरक्षा को लेकर केंद्र और प्रदेश की खुफिया एजेंसी अलर्ट मोड पर हैं।
नक्सली संगठन से जुड़े अभियुक्त का रविवार को गिरफ्तार किया जाना पूरे प्रयागराज में चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं अफसरों का कहना है कि इस अभियुक्त का पकड़ा जाना महाकुंभ से नहीं जुड़ा है। गिरफ्तार किये गये अभियुक्त से एटीएस ने घंटो तक पूछताछ की। जिसमे कई तथ्य मिले है। जिनके आधार पर जांच की जा रही है। महाकुंभ को लेकर लगातार आतंकी संगठनों द्वारा धमकी दिए जाने के बाद से पूरा पुलिस महकमा और सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट है। मेला क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर कड़ी तैयारी कर दी गई है।
शिवकुटी थाना प्रभारी के मुताबिक मनीष श्रीवास्तव को शिवकुटी थाना क्षेत्र के गोविंदपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया है। मनीष पहले भी नक्सली गतिविधियों में संलिप्त होने के मामले में जेल भेजा गया था। वह इन दिनों जमानत पर रिहा हुआ था। इसके अलावा विधि विज्ञान प्रयोगशाला के फोरेंसिक डाटा रिपोर्ट आने के बाद यह पता चला है कि मनीष के खिलाफ धारा 13, 18 और 38 विधि निवारण अधिनियम को जोड़ा गया था। इन्हीं सबूत के आधार पर मनीष श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
दरअसल एटीएस ने बीते 5 मई 2019 को नक्सली गतिविधियों में संलिप्त होने के बाद धारा 121 ए, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद भोपाल, कानपुर, देवरिया व कुशीनगर में सभी जनपद के अभियुक्तों के ठिकाने पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर उनके पास से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कुछ कागजात बरामद किए थे।
उस मामले में विवेचना के दौरान मनीष श्रीवास्तव व अमिता श्रीवास्तव उर्फ़ वर्षा के पास से दूसरों के नाम के पहचान पत्र, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड पैन कार्ड और बैंक पासबुक बरामद की गई थी। जो असली नाम पता छिपाने के लिए बनवाया गया था। जिसके आधार पर मुकदमा धारा 419, 420, 467, 468, 471 की बढ़ोतरी कर दोनों की गिरफ्तारी की गई थी। पूरे मामले में जांच की जा रही है।
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