प्रियंका गांधी पर विवादित बयान: फजीहत के बाद रमेश बिधूड़ी ने मांगी माफी, कहा- मकसद अपमान करना नहीं'

प्रियंका गांधी पर विवादित बयान: फजीहत के बाद रमेश बिधूड़ी ने मांगी माफी, कहा- मकसद अपमान करना नहीं'

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के कालकाजी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी की रविवार को उस टिप्पणी के लिए आलोचना हुई, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस नेता "प्रियंका गांधी के गालों" जैसी सड़कें बनवाएंगे। कांग्रेस ने "महिलाओं का अपमान" करने के लिए उनसे माफी मांगने की मांग की, जबकि बिधूड़ी की पार्टी के कुछ नेताओं ने बयान पर अपनी असहमति जताई। 

बिधूड़ी पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। वह शुरू में अपनी बात पर कायम रहे और उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद की अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद हेमा मालिनी पर की गई इसी तरह की टिप्पणी की ओर इशारा किया। हालांकि, बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर एक संदेश पोस्ट किया जिसमें उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा यदि उनकी टिप्पणियों से किसी को ठेस पहुंची है तो वह खेद प्रकट करते हैं। 

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने राजनीतिक लाभ के लिए उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बिधूड़ी को कथित रूप से यह कहते सुना जा सकता है, “लालू ने बिहार में कहा था कि वह हेमा मालिनी के गालों जैसी सड़कें बनाएंगे, लेकिन उन्होंने झूठ बोला, वह ऐसा नहीं कर सके।” 

उन्होंने कहा "...(लेकिन) मैं आपको आश्वासन देता हूं कि जैसे हमने ओखला और संगम विहार में सड़कें बनाईं, वैसे ही हम कालकाजी की सभी सड़कों को प्रियंका गांधी के गालों जैसी बना देंगे।" कांग्रेस ने टिप्पणी की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि यह भाजपा की "महिला विरोधी" मानसिकता को दर्शाता है। 

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “रमेश बिधूड़ी का प्रियंका गांधी जी के संदर्भ में दिया बयान शर्मनाक ही नहीं उनकी औरतों के बारे में कुत्सित मानसिकता दिखाता है, लेकिन जिस आदमी ने सदन में अपने साथी सांसद को गंदी गालियां दी हों, और कोई सज़ा ना मिली हो उससे और क्या उम्मीद की जा सकती है?”

उन्होंने कहा, “बिधूड़ी ही नहीं, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए।” श्रीनेत ने कहा कि यह न केवल प्रियंका गांधी का अपमान है, बल्कि सभी महिलाओं का अपमान है। कांग्रेस द्वारा माफी की मांग के बारे में पूछे जाने पर बिधूड़ी ने अपना बचाव करते हुए कहा, "अगर यह गलती है तो जिसने इसे सबसे पहले किया, उसे माफी मांगनी चाहिए। क्या हेमा मालिनी महिला नहीं हैं?" 

कांग्रेस पर पाखंड का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, "हेमा मालिनी एक साधारण परिवार से हैं, क्या वह महिला नहीं हैं? जो एक जाने-माने परिवार से है वह महिला है, यह कैसे संभव है? बिधूड़ी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हेमा मालिनी दक्षिण से हैं, क्या इसका मतलब यह है कि वह महिला नहीं हैं। सभी को सम्मान मिलना चाहिए। ... उन्हें उनसे (लालू प्रसाद से) भी माफीनामे की मांग करनी चाहिए थी, (लेकिन) उन्होंने इसके लिए नहीं कहा, क्योंकि वह (हेमा) एक साधारण परिवार से थीं। यह उनका (कांग्रेस का) पाखंड है।” 

दिल्ली प्रदेश भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के बयानों से बचना चाहिए और कहा कि सभी को भाषा और महिलाओं के सम्मान के संबंध में उचित आचरण का पालन करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस को अतीत में उसके नेताओं और सहयोगियों द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों की भी याद दिलाई। 

सचदेवा ने कहा, “मैंने रमेश बिधूड़ी का पूरा बयान नहीं सुना है, लेकिन मुझे लगता है कि राजनीति में शामिल सभी महिलाओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए हमें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए और अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए। मैं कांग्रेस से भी कहूंगा कि जब हमारी सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ ऐसी टिप्पणी की जाती है, तो आप उसे रोकते नहीं हैं। महिलाओं का सम्मान करना और अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना हमारा कर्तव्य है और हम ऐसे बयानों का स्वागत नहीं करते हैं।” 

भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने कहा, “किसी राजनीतिक नेता को कोई भी बात सोच-समझकर ही कहनी चाहिए।” विवाद बढ़ने पर दक्षिण दिल्ली से दो बार सांसद एवं तुगलकाबाद से तीन बार विधायक रह चुके बिधूड़ी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में दावा किया कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए उनकी टिप्पणी का गलत अर्थ निकाल रहे हैं। 

उन्होंने कहा, “मेरा आशय किसी को अपमानित करने का नहीं था। परंतु फिर भी अगर किसी भी व्यक्ति को दुख हुआ है तो मैं खेद प्रकट करता हूं।” दिल्ली की मुख्यमंत्री और कालकाजी से आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार आतिशी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने इस निर्वाचन क्षेत्र से "महिला विरोधी" उम्मीदवार खड़ा किया है। 

उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि न केवल कालकाजी के लोग, बल्कि दिल्ली के नागरिक, विशेषकर महिलाएं, आगामी चुनावों में भाजपा को इन टिप्पणियों और इस मानसिकता के लिए उचित जवाब देंगी।" आतिशी ने आरोप लगाया कि इस तरह की टिप्पणियां न केवल सार्वजनिक संवाद को नीचा दिखाती हैं, बल्कि भाजपा के भीतर "महिला द्वेष" के बड़े मुद्दे को भी दर्शाती हैं। कालकाजी से कांग्रेस उम्मीदवार और महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने बिधूड़ी पर निशाना साधा और उन पर ‘एक बार फिर अपनी चिर-परिचित अमर्यादित भाषा में महिलाओं का 'अपमान' करने का आरोप लगाया। 

उन्होंने कहा, “क्या कालकाजी की जनता को ऐसा व्यक्ति पसंद आएगा, जिसे न तो सदन (संसद) की गरिमा का खयाल है और न ही महिलाओं के सम्मान का।” लांबा के नेतृत्व में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बिधूड़ी का पुतला भी फूंका। बिधूड़ी के एक सहयोगी ने बताया कि यह बयान उन्होंने शनिवार को कालकाजी विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान दिया। दिल्ली की 70-सदस्यीय विधानसभा के लिए अगले महीने चुनाव होने हैं।

 बिधूड़ी के लिए सार्वजनिक बयानों को लेकर विवाद कोई नई बात नहीं है। पिछले साल की शुरुआत में लोकसभा सत्र के दौरान बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन सांसद दानिश अली पर की गई टिप्पणी के लिए बिधूड़ी की व्यापक निंदा हुई थी। उनके व्यवहार को लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजा गया था। भाजपा नेता ने अपने खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद लोकसभा विशेषाधिकार समिति की बैठक में अपनी आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त किया था। 

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