बरेली: देसी मुर्गी, बटेर और टर्की की नई प्रजाति देख गदगद हुए किसान

बरेली: देसी मुर्गी, बटेर और टर्की की नई प्रजाति देख गदगद हुए किसान

बरेली, अमृत विचार। मम्मी….ये देखो इतनी बड़ी मुर्गी। कुर्मांचल नगर निवासी आठ वर्षीया युक्ता अपनी मम्मी पापा के साथ शनिवार को कुक्कुट मेला देखने आई। सीएआरआई के परिसर में आयोजित कुक्कुट मेले में विराट टर्की को देखकर युक्ता सोच में पड़ गई और मम्मी को मुर्गी की तरफ इशारा करते हुए देखने पर जोर दिया। युक्ता जैसे …

बरेली, अमृत विचार। मम्मी….ये देखो इतनी बड़ी मुर्गी। कुर्मांचल नगर निवासी आठ वर्षीया युक्ता अपनी मम्मी पापा के साथ शनिवार को कुक्कुट मेला देखने आई। सीएआरआई के परिसर में आयोजित कुक्कुट मेले में विराट टर्की को देखकर युक्ता सोच में पड़ गई और मम्मी को मुर्गी की तरफ इशारा करते हुए देखने पर जोर दिया। युक्ता जैसे बड़ी संख्या में बच्चे मा-बाप के साथ इस मेले में पहुंचे थे।

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केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान के 44वें स्थापना दिवस पर परिसर में कुक्कुट मेला लगाया गया। जिसमें टर्की प्रजातियों की मुर्गी कैरी विराट, कैरी चितला व कैरी ब्लैक लोगों के साथ किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। मेले में मुख्य अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली के महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1965 में लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान जोड़ा।

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस नारे में जय अनुसंधान जोड़कर नए आयाम स्थापित किया है। वर्तमान परिपेक्ष्य में किसानों, वैज्ञानिकों, संस्थानों व उद्यमियों के संयुक्त प्रयास से आधुनिक कृषि को बढ़ावा मिलेगा। विशिष्ट अतिथि के रूप में आईसीएआर के उपमहानिदेशक डा. भूपेंद्र नाथ त्रिपाठी मौजूद रहे। निदेशक डा. अशोक कुमार तिवारी ने मुर्गी, बटेर, गिनी फाउल, टर्की, गिरीग्राम तकनीकी पार्क, मुर्गी के अण्डों से चूजे निकाले की सस्ती मशीन आदि की तकनीकी जानकारी दी। स्वागत संबोधन डॉ. संजीव कुमार प्रधान वैज्ञानिक और संचालन डॉ. चन्द्रहास, प्रधान वैज्ञानिक ने किया। वहीं, सीएआरआई में नए भवन और आईवीआरआई में गोविंद छात्रावास का लोकार्पण किया।

एक ही दिन में बिके तीन क्विंटल अंडे
विराट मेले के दौरान किसानों व आमजन के लिए अंडे व मांस की बिक्री के लिए दो अलग काउंटर लगाए। जिसमें तीन क्विंटल अंडों की बिक्री हुई। देशी मुर्गी व बटेर के अंडों की मांग अधिक रही। देशी मुर्गी के अंडे 140 रुपये किलो और बटेर के अंडे 80 रुपये किलो के बिके। कड़कनाथ मुर्गी के मांस की बिक्री भी सर्वाधिक रही।

कुक्कुट पालन से संबंधित दो पुस्तकों का विमोचन
महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक, उपमहानिदेशक डा. बीएन त्रिपाठी ने सीएआरआई के वैज्ञानिकों की ओर से लिखित बैकयार्ड कुक्कुट पालन पर लिखी पुस्तकों का विमोचन किया। संपादक समूह में संस्थान के वैज्ञानिक ही मौजूद रहे। निदेशक डा. अशोक तिवारी की ओर से बताया गया कि ये पुस्तक कुक्कुट पालन की आधुनिकता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।

महानिदेशक ने किया रेफरल वेटेनरी पॉलीक्लीनिक का निरीक्षण
महानिदेशक डा. हिमांशु पाठक ने आईवीआरआई के आरवीसी क्लीनिक का भी निरीक्षण किया। प्रधान वैज्ञानिकों ने आरवीसी में पशुओं के उपचार में प्रयोग की जाने वाली तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने उपचार में इस्तेमाल होने वाले यंत्र, ओटी, पॉलीक्लीनिक, नेत्र विभाग समेत अन्य जगहों का निरीक्षण किया। जिसमें जल्द ही स्थापित होने वाले कैनाइन डांग एंडवास सेंटर के बारे में भी चर्चा की गई।

500 करोड़ के बजट से कृषि क्षेत्र में शुरू होंगे नए स्टार्ट अप
किसानों की आय दोगुनी करने व बेरोजगारों को उद्यमी बनाकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए आईसीएआर 500 करोड़ रुपये के बजट से स्टार्ट अप की शुरुआत करेगा। यह जानकारी देते हुए डा. पाठक ने बताया कि आइसीएआर से संबद्ध आइवीआरआई और सीएआरआई समेत 113 संस्थान, 74 कृषि विश्वविद्यालय, 732 कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर स्टार्टअप में तेजी लाने का कार्य करेंगे। युवाओं को उद्यमिता से जोड़कर देश के 14 करोड़ किसानों तक इन संस्थानों की तकनीक को पहुंचाने की कोशिश होगी।

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