बरेली: चीनी मिलों के साथ कोल्हू भी चलने में पिछड़े, मुश्किल में किसान
बरेली, अमृत विचार। इस बार चीनी मिलें अभी तक नहीं चालू हुईं। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले कोल्हू भी शुरू नहीं हुए। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हर वर्ष दिवाली से पहले बड़ी संख्या में कोल्हू शुरू हो जाते थे और किसान पेड़ी और तिपेड़ी गन्ना कोल्हू पर बेचकर जरूरी काम कर लेते …
बरेली, अमृत विचार। इस बार चीनी मिलें अभी तक नहीं चालू हुईं। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले कोल्हू भी शुरू नहीं हुए। इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हर वर्ष दिवाली से पहले बड़ी संख्या में कोल्हू शुरू हो जाते थे और किसान पेड़ी और तिपेड़ी गन्ना कोल्हू पर बेचकर जरूरी काम कर लेते थे, लेकिन इस बार किसानों के सामने गन्ने के खेत खाली न होने से लाटा समेत अन्य फसलें प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, बरेली की तीन चीनी मिलों के चालू होने का कार्यक्रम गन्ना विभाग ने जारी कर दिया है।
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जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि 31 अक्टूबर से बहेड़ी चीनी मिल, 3 नवंबर से मीरगंज चीनी मिल और 5 नवंबर से फरीदपुर की चीनी मिल का संचालन शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारी हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जिलेभर में 202 गन्ना सेंटर बनाए गए हैं, जिन पर गन्ने की तौल होगी। यहां तक कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी है।
शुगर मिलों में पेराई सत्र शुरू नहीं, कोल्हू वाले मनमर्जी के दाम से खरीद रहे गन्ना
नवाबगंज क्षेत्र में मिल का पेराई सत्र शुरू नहीं होने पर तमाम कोल्हू का संचालन शुरू हो गया है। त्योहारों का खर्च चलाने व गेहूं की बुवाई को ध्यान में रखकर कोल्हू पर गन्ना बेचना शुरू कर दिया है। गन्ने की आवक देखकर ही कोल्हू स्वामी गन्ने का भाव तय कर रहे हैं। नवाबगंज गन्ना समिति का अधिकांश गन्ना ओसवाल को जाता है।
एलएच शुगर मिल पीलीभीत, बजाज शुगर मिल बरखेड़ा को भी सप्लाई होता है। भुगतान के मामले में एलएच पीलीभीत अग्रणी रहती है। ओसवाल व बजाज मिल की भुगतान को लेकर स्पष्ट नीति नहीं है। जिसके चलते जिन किसानों के खेतों में गन्ने की पेड़ी है वे कोल्हू पर डालकर गेहूं की बुवाई के लिए समय से खेत खाली करते हैं। सीजन आरम्भ होते ही कोल्हू संचालक 250 से लेकर 270 तक के भाव से गन्ना खरीद रहे हैं।
गन्ना खरीद रहे कोल्हू संचालक निराश, राब कम निकल रही
क्षेत्र में करीब 10 कोल्हू चलते हैं, लेकिन बेमौसमी बारिश से धान की फसल खराब होने के साथ जहां चीनी मिलें शुरू नहीं हुई, वहीं अधिकांश कोल्हू भी चालू नहीं हुए। कुछ कोल्हू चालू हैं। इसमें कुआडांडा कुर्मियान में कोल्हू चला रहे मोहम्मद अहमद ने बताया कि कोल्हू चलाना मुश्किल हो रहा है। 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना खरीद रहे हैं। वह भी महंगा पड़ रहा है। पिछले वर्ष बारिश होने की वजह से गन्ने की फसल खराब हो गई थी और इस वर्ष भी गन्ने में राब और गुड़ कम मात्रा में निकल रहा है।
बताया कि पिछले वर्ष भी नुकसान हुआ था। इस वर्ष भी नुकसान ही नजर रहा है। यदि 50 रुपये किलो राब और गुड़ की कीमत हुई, तब फायदा होगा। कोल्हू संचालक मोहम्मद अहमद का कहना है कि एक क्विंटल गन्ने में 5 किलो ही राब निकलती है, जिसकी कीमत लगभग 120 रुपये ही होती है और गन्ना 240 में खरीदते हैं। गुड़ और राब की कीमत लगभग 50 रुपये किलो हो तो औसत निकलेगा। जो कि अभी 22 रुपये किलो है।
धान की बर्बादी का दिखा कोल्हू मालिकों पर असर
कस्बे में करीब 6-7 कोल्हू हैं। ये सभी दीपावली पर पूजन करके चालू हो जाते थे, लेकिन इस बार बेमौसम भारी बारिश के कारण किसानों की धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इससे परेशान किसान गन्ने पर ध्यान नहीं दे पा रहा है। कोल्हू मालिकों ने बताया कि इस बार अभी तक कोई भी किसान गन्ना लेकर नहीं आया। क्षेत्र के कोल्हू खाली हैं और ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं।
मिल चालू नहीं, कोल्हू पर गन्ना बेच रहे किसान
चीनी मिल अभी चालू नहीं हुई है, लेकिन गन्ना किसान अपनी जरूरत के मुताबिक गन्ना कोल्हू पर बेच रहे हैं। कोल्हू संचालक मनमानी करते हुए किसानों से 240 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ना खरीद रहे हैं। मीरगंज से हुरहुरी रोड पर करीब आठ कोल्हू लगे हैं।फिलहाल धामपुर बायो ऑर्गेनिक्स लिमिटेड शुगर मिल अभी चालू नहीं हुई है। कोल्हू संचालक गन्ने को 240 से 260 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रहे हैं। हालांकि संचालक किसानों को भुगतान करीब 4 से 5 दिन में कर देते हैं।
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