कोरोना काल में अस्थमा और दमा के मरीजों को बेहद सावधान रहने की जरूरत

बरेली, अमृत विचार। अस्थमा और दमा के मरीजों के लिए कोरोना अधिक घातक हो सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गर्ग ने बताया कि अस्थमा और दमा जैसी बीमारी से ग्रसित मरीजों को और ज्याद सावधान रहने की जरूरत है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि दमा दो तरह का होता है। इसमें से …
बरेली, अमृत विचार। अस्थमा और दमा के मरीजों के लिए कोरोना अधिक घातक हो सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके गर्ग ने बताया कि अस्थमा और दमा जैसी बीमारी से ग्रसित मरीजों को और ज्याद सावधान रहने की जरूरत है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि दमा दो तरह का होता है। इसमें से एक जो बच्चों को होता है, यदि इसमें लापरवाही न बरती जाएं और समय पर उपचार किया जाए तो साधरण स्थिति में ऐसे बच्चे 25 साल की उम्र तक स्वस्थ्य हो जाते हैं। दूसरी तरह का दमा बड़ों और बुजुर्गों में अधिक होता है। इसकी खास वजह धूम्रपान आदि होती है।
अस्थमा और दमा से ग्रसित मरीजों छाती रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम, धूल वाले स्थानों से बचना बेहद जरूरी है। इसके लिए गर्म पानी का उपयोग कर नेबुलाइजर थेरेपी का इन्हेलर लेते रहना चाहिए। कोरोना काल में इस तरह की बीमारी द्यातक सिद्ध हो रही है, लेकिन इससे डरने की जगह सावधानी रखाना ही सर्वोत्तम है।