मशरूम की कुछ प्रजातियां जहरीली भी होती हैं, उन्हें न उगाएं

अमृत विचार, बरेली। मशरूम की कुछ प्रजातियां जहरीली भी होती हैं जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसे में मशरूम की खेती के लिए उन्नत नर्सरी या उन्नत बीज उत्पादन केंद्रों से ही मशरूम का स्पान या बीज खरीदने चाहिए। ऐसा करने से विषैले मशरूम उत्पन्न होने की कोई आशंका नहीं रहेगी। यह …
अमृत विचार, बरेली। मशरूम की कुछ प्रजातियां जहरीली भी होती हैं जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। ऐसे में मशरूम की खेती के लिए उन्नत नर्सरी या उन्नत बीज उत्पादन केंद्रों से ही मशरूम का स्पान या बीज खरीदने चाहिए। ऐसा करने से विषैले मशरूम उत्पन्न होने की कोई आशंका नहीं रहेगी। यह जानकारी वैज्ञानिकों ने मशरूम संवर्धन के ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को दी। राष्ट्रीय सेवा योजना, छात्र इकाई-प्रथम बरेली कॉलेज और कृषि विज्ञान केंद्र आईवीआरआई के सहयोग से शनिवार को मशरूम संवर्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम की ऑनलाइन कक्षाओं का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में प्राचार्य डा. अनुराग मोहन ने कहा कि कॉलेज के लिए एक नवीन शुरुआत है कि छात्रों को इस प्रकार के प्रशिक्षण भी राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा दिए जा रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने छात्रों को बताया कि इस प्रकार के स्वावलंबी, रोजगार उन्मुख कार्यक्रमों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र हमेशा बरेली कॉलेज के साथ खड़ा है।
राष्ट्रीय सेवा योजना छात्र इकाई प्रथम के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. राजीव यादव ने प्रतिभागियों से कहा कि वह किसी पर निर्भर न रहें बल्कि स्वयं को इस तरह के प्रशिक्षणों द्वारा आत्मनिर्भर बनाएं। मशरूम खेती की विशेषज्ञ डॉ. बरखा सिंह ने छात्र-छात्राओं को बताया कि कैसे हम कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ मशरूम की खेती के व्यवसाय से धन अर्जित कर सकते हैं। छात्र-छात्राओं ने मशरूम प्रशिक्षण पर आयोजित कक्षा के दौरान कई प्रश्न विशेषज्ञों से पूछे। एक छात्र ने पूछा कि आखिर हम खेती के दौरान उत्पन्न विषैले मशरूम को कैसे पहचानेंगे?
विशेषज्ञों ने बताया कि विषैले मशरूम की आशंका पर कृषि विज्ञान केंद्र आईवीआरआई या पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय अथवा भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र नई दिल्ली के वैज्ञानिकों को उसका सैंपल भेज सकते हैं। उनसे सलाह भी ले सकते हैं। रविवार को कक्षा में बटन मशरूम की खेती व तकनीकी सहायता तथा सरकारी बैंकों द्वारा मशरूम की खेती से संबंधित सहायता के विषय में विशेषज्ञों द्वारा छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा अथवा जानकारी साझा की जाएगी। कार्यक्रम में स्वयंसेवक शिवम शुक्ला का अहम योगदान रहा।