Ramadam 2025: दवाइयों के साथ कैसे रखें रोजा, मौलाना ने बताई तरकीब

Ramadam 2025: दवाइयों के साथ कैसे रखें रोजा, मौलाना ने बताई तरकीब

लखनऊ, अमृत विचार। रमजान के मौके पर रोजेदारों की इबादत के सम्बन्ध में आने वाली शंकाओं का समाधान शिया व सुन्नी हेल्पलाइन पर लगातार जारी है। कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैयद सादिक़ हुसैनी शिराज़ी की ओर से जारी हेल्पलाइन पर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी सवालों के जवाब दे रहे हैं जबकि इस्लामिक सेंटर ऑफ़ इंडिया की ओर से जारी हेल्पलाइन पर मौलाना खालिद रशीद की अध्यक्षता में धर्मगुरुओं का पैनल सवालों के जवाब दे रहा है।

एक रोजेदार ने पूछा कि अगर किसी रोगी को निश्चित समय पर दवा लेना जरूरी हो तो उसके लिए रोज़े का क्या नियम है? जवाब में बताया गया कि बीमार के लिए जरूरी है कि वह समय पर दवाएं ले और जब पूरी तरह से स्वस्थ हो जाए तो रोज़े की क़ज़ा करे।

हेल्पलाइन पर एक सवाल आया कि अगर कोई महिला रोज़ा रखकर ब्यूटी पार्लर जाए और महिलाओं से मेकअप कराए, तो इसमें क्या नियम है? जवाब में बताया गया कि उसका रोज़ा नहीं टूटेगा। एक रोजेदार ने पूछा कि अगर कोई व्यक्ति घर से वजू करके मस्जिद जाए और रास्ते में किसी कारण से उसके हाथ या पैर नापाक हो जाएं तो क्या वज़ू टूट जाएगा जवाब में बताया गया कि उसका वज़ू नहीं टूटेगा, लेकिन नापाक हिस्से को पाक करना चाहिए।

एक रोजेदार ने पूछा कि एतिफाक तीन दिन का होता है और इसमें मस्जिद में रहना ज़रूरी है, क्या मस्जिद के बाहर निकलने से इतिफाक रद्द हो जाएगा? जवाब में बताया गया कि एतिफाक में बैठने के बाद ज़रूरी कामों के लिए निकला जा सकता है, जैसे गवाही देना, मोमिन के जनाज़े में शामिल होना आदि। हेल्पलाइन पर एक सवाल आया कि क्या फ़ितरा की रक़म दूसरे शहर भेजी जा सकती है? जवाब में बताया गया कि अगर उसके अपने शहर में हक़दार नहीं हैं, तो दूसरे शहर ज़कात व फ़ितरा भेज सकते हैं।

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