बरेली: दिनेश दद्दा महानगर अध्यक्ष, अशफाक सकलैनी को फिर मिली जिलाध्यक्ष की कमान

बरेली, अमृत विचार: चार महीने से भंग चल रहीं कांग्रेस की जिला और महानगर कमेटी को उनके नेतृत्वकर्ता मिल गए। गुरुवार रात प्रदेश मुख्यालय की ओर से प्रदेश के सभी जिलों के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की सूची जारी कर दी गई। जिसमें अशफाक सकलैनी को पुन: जिलाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता दिनेश दद्दा को महानगर अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। दिनेश दद्दा करीब 44 साल से कांग्रेस से जुड़कर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में नए सिरे से संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस की तरफ से दिसंबर, 2024 में जिला और महानगर की सभी कमेटी भंग कर दी गई थी। इसके बाद जिला और महानगर अध्यक्ष कार्यवाहक तौर पर काम कर रहे थे। 7 जनवरी को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी तौकीर आलम ने जिले में जिला और महानगर अध्यक्ष समेत अन्य पदों के लिए कांग्रेस नेताओं के इंटरव्यू लेकर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी थी। गुरुवार देर रात पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी कर दी गई।
मिर्जा अशफाक सकलैनी को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, अजय शुक्ला की जगह दिनेश दद्दा को महानगर अध्यक्ष बनाया गया है। नवनियुक्त जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष को पार्टी नेताओं ने बधाई दी है। इधर, नवनियुक्त महानगर अध्यक्ष ने कहा है कि उन्हें 44 साल के संघर्ष का फल मिला है। वह सच्चे सिपाही की तरह कांग्रेस की सेवा कर रहे हैं। वहीं, नवनियुक्त जिलाध्यक्ष ने कहा है कि यह कार्यकर्ताओं की जीत है। पार्टी हित में जो काम किए हैं, उनकी राष्ट्रीय नेतृत्व ने सराहना करते हुए फिर से कमान सौंपी है।
जिला और महानगर अध्यक्ष की घोषणा के साथ शुरू हुआ विरोध
बरेली: कांग्रेस के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की घोषणा के बाद विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस नेता पंडित राज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि जिले में जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष का जो नाम पार्टी की तरफ से घोषित किया गया है, मुझे लगता है कि वह भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व से मांग की है कि अपने निर्णय पर दोबारा से विचार विमर्श करें। पार्टी के इस फैसले से कई लोग जल्द पार्टी को अलविदा कह देंगे।