Ramadan 2025: जामा मस्जिद में तीन दिवसीय एतिफाक, होगा भव्य कार्यक्रम

लखनऊ, अमृत विचार: तहसीनगंज स्थित शाही जामा मस्जिद में 22 रमजान से तीन दिवसीय एतिफाक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। एतिफाक का यह 27वां साल है। मौलाना शाहकार जैदी ने बताया कि अली कासिम रिजवी और रिजवान हैदर की कोशिशों से पहली बार 1999 में जामा मस्जिद एतिफाक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तब यह सिलसिला हर साल चल रहा है।
एतिफाक का तात्पर्य उस इबादत से है जिसमें इंसान अपना घर-परिवार और समाज को पूरी तरह से छोड़कर अल्लाह की इबादत के लिए मस्जिद में आता है। 22 से 24 रमजान तक चलने वाले एतिफाक में शामिल होने वाले तीन दिन लगातार मस्जिद में ही रहेंगे और अल्लाह की इबादत करते रहेंगे। इस दौरान वह मस्जिद से बाहर नहीं निकलेंगे।
एतिफाक में शामिल होने वाले रोजेदारों को धर्मगुरु कुरान का पाठ कराएंगे, साथ ही धर्मग्रंथों और इस्लाम धर्म से जुड़ी जरूरी बातों की जानकारी देंगे। इस दौरान धर्म के बारे में फैली भ्रांतियों से भी उन्हें सावधान किया जाएगा।
मौलाना शाहकार जैदी ने बताया कि एतिफाक में बैठने की पहली शर्त है रोजा रखना। बगैर रोजा रखे हुए कोई एतिफाक में शामिल नहीं हो सकता। उन्होंने बताया कि एतिफाक के दौरान परिवार, समाज और देश के कल्याण की दुआ की जाती है।
उन्होंने बताया कि एतिफाक में शामिल होने के लिए एक फार्म भरना होगा। इस पर पासपोर्ट साइज की तस्वीर और आधार कार्ड की कापी लगानी होगी। एतिफाक में शामिल होने वाले को 22 रमजान (23 मार्च) को सहरी से पहले मस्जिद में प्रवेश करना होगा। एतिफाक में शामिल होने के लिए 15 साल से ज्यादा की उम्र होनी चाहिए। एतिफाक के दौरान तीन दिन तक सहरी, इफ्तार और रात के खाने की व्यवस्था मस्जिद प्रबंधन की ओर से होगी।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय एतिफाक की व्यवस्था वकार हैदर रिजवी, महमूद अख्तर, इंजीनियर अहमद रजा, यावर हुसैन, रफीक हुसैन, डॉ. रजी, मोहम्मद, उर्फी, आशु, शकील, अर्शी जैदी, फैसल और फिरोज हैदर आदि कर रहे हैं।
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