प्रयागराज : केन्द्र, प्रदेश सरकार से सावधान रहें लोग : स्वामी प्रसाद मौर्य 

प्रयागराज : केन्द्र, प्रदेश सरकार से सावधान रहें लोग : स्वामी प्रसाद मौर्य 

प्रयागराज,अमृत विचार। यूपी सरकार के पूर्व मंत्री और अपनी जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य बुधवार को प्रयागराज सर्किट हाउस पहुंचे। जहां उन्होंने केंद्र की पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार पर बड़ा हमला बोला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकारों से लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि सरकार साजिश के तहत कभी हिंदू-मुस्लिम, कभी मंदिर- मस्जिद और कभी औरंगजेब के मुद्दे को लाकर लोगों का ध्यान भटकने की कोशिश कर रही है। 

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने संभल में नेजा मेले की इजाजत ना दिए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कोई भी धार्मिक कार्यक्रम या मेले हों या फिर अन्य कोई आयोजन हो उसे बंद करना संकीर्ण मानसिकता को दिखाता है। उन्होंने कहा है कि परंपरा के अनुसार किसी भी धर्म का जो कार्यक्रम पहले से होता आ रहा है, उसे आगे भी होते रहने देना चाहिए। वहीं नागपुर में हुए दंगे को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि देश में जहां पर भी दंगे होते हैं, बीजेपी की शह पर आरएसएस के लोगों द्वारा एक सुनियोजित साजिश के तहत यह दंगे कराए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार की कमियों पर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए हवा में तैरने वाले ऐजेंडे समय-समय पर जनता के बीच लाए जाते हैं। वहीं औरंगजेब की कब्र खोदने को लेकर छिड़ी बहस पर कहा है कि अगर कोई इतिहास के पन्नों को पलटने की कोशिश करेगा और औरंगजेब की कब्र खोदेगा तो उसके बाप दादाओं और पुरखों की भी कब्र भी खोदी जाएगी।

इससे एक नई परंपरा की शुरुआत होगी इसलिए लोगों को ऐसा घिनौना कार्य करने से बचना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि औरंगजेब सही था या गलत था यह विचार का विषय नहीं है बल्कि विचार का यह विषय है कि महंगाई कैसे कम हो, नौजवानों को रोजगार कैसे मिले, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कब होगी, शिक्षा सस्ती कब होगी, आउटसोर्सिंग की भर्ती खत्म करके लोगों को सरकारी नौकरियां कब दी जाएंग,लाचार लोगों की लाचारी कब जाएगी, 80 करोड़ लोग जो 5 किलो 10 किलो गेहूं और चावल पर अपनी जिंदगी बिता रहे हैं उनकी जिंदगी का ठहराव कब खत्म होगा। 
हालांकि पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि इतिहास इस बात का गवाह है कि औरंगजेब ने अपने पिता को कैद किया था लेकिन यह भी उदाहरण मिलता है कि औरंगजेब ने सैकड़ो मंदिरों को अनुदान देकर उसका पुनर्निर्माण और नवनिर्माण कराया था। अंतिम दौर में वह अपने खर्च खुद से वहन करता था उसकी ईमानदारी का भी जिक्र इतिहास में आता है।

उन्होंने कहा है कि अगर अपने पिता को बंदी बनाने के लिए औरंगजेब क्रूर था तो उससे भी क्रूर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को गोली मार कर हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे था। अगर इस आधार पर चर्चा हो तो पहले नाथूराम गोडसे पर चर्चा होनी चाहिए क्योंकि औरंगज़ेब 350 साल पुराना हो गया और राष्ट्र पिता महात्मा गांधी को गोली देश की आजादी के बाद मारी गई। इसलिए चर्चा नाथूराम गोडसे पर होनी चाहिए ना कि औरंगजेब पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि औरंगजेब का मुद्दा उठाना बीजेपी की साजिश है, ताकि लोगों का ध्यान सही मुद्दों से भटकाया जा सके।

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