राज्य के 62 राजकीय ITI को अपग्रेड करेगा टीटीएल, जारी हुआ करोड़ो का बजट
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लखनऊ, अमृत विचार: टाटा टेक्नोलॉजीज लि. राज्य के 62 राजकीय आईटीआई को अपग्रेड करेगा। मंगलवार को उप्र. सरकार और टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के बीच फेस-2 के अंतर्गत इन राजकीय आईटीआई के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) अलीगंज, लखनऊ में टाटा टेक्नोलॉजीज लि. (टीटीएल) द्वारा स्थापित अत्याधुनिक टीटीएल लैब में इस मौके पर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास कपिल देव अग्रवाल मौजूद रहे।
एमओयू के तहत टाटा टेक्नोलॉजीज और उप्र. सरकार 62 राजकीय आईटीआई को आधुनिक तकनीकों से लैस करेगी। इस चरण में प्रत्येक संस्थान के उन्नयन के लिए 34.54 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसके तहत कुल 62 संस्थानों के लिए 2141.82 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें उप्र. सरकार का 12.36 प्रतिशत योगदान यानी 264.72 करोड़ रुपये और जीएसटी के रूप में 47.65 करोड़ रुपये शामिल हैं, जिससे कुल व्यय 312.37 करोड़ रुपये होगा। इसके अतिरिक्त, 5 सेंटर फॉर इनोवेशन, इन्वेंशन, इनक्यूबेशन एंड ट्रेनिंग (सीआईआईआईटी) की स्थापना भी की जाएगी, जिनके उन्नयन के लिए प्रति संस्थान 226.52 करोड़ रुपये की लागत से कुल 1132.62 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें राज्य सरकार का 14 प्रतिशत योगदान 158.56 करोड़ रुपये और जीएसटी 26.54 करोड़ रुपये सहित कुल 187.10 करोड़ रुपये होगा।
कार्यक्रम में विभाग के वित्त नियंत्रक नंद किशोर धर द्विवेदी, अपर निदेशक मान पाल सिंह, निदेशक (प्राविधिक) डीके सिंह, संयुक्त निदेशक आरआर यादव सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और प्रधानाचार्य एसके श्रीवास्तव व चंद्रशेखर सिंह मौजूद रहे।
प्रति वर्ष 10 हजार प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण
फेस-2 के तहत 62 आईटीआई और 5 सीआईआईआईटी को अपग्रेड करके प्रति वर्ष लगभग 10,000 प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इन संस्थानों में इलेक्ट्रिक वाहन, एडवांस्ड सीएनसी मशीनिंग, 3डी प्रिंटिंग, इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स जैसे आधुनिक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। टाटा टेक्नोलॉजीज द्वारा प्रति संस्थान 2 प्रशिक्षकों की तैनाती पहले दो वर्षों के लिए और 1 मास्टर ट्रेनर तीसरे व चौथे वर्ष के लिए की जाएगी।
यह योजना न केवल रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं को टाटा टेक्नोलॉजीज और अन्य कंपनियों में बेहतर सेवायोजन के अवसर भी देगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रशिक्षार्थी नौकरी लेने वाले ही नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें।
- कपिल देव अग्रवाल, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कौशल विकास
उत्तर प्रदेश के युवा न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश और विदेशों में भी अपने कौशल का परचम लहरा सकेंगे।
- डॉ. हरिओम, प्रमुख सचिव, व्यावसायिक शिक्षा
कौशल विकास मिशन के तहत युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण के साथ रोजगार के अवसर प्रदान करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
- अभिषेक सिंह, विशेष सचिव
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