यूपीटीटीआई में नैनो तकनीक पर हो सकेगा शोध; IIT Kanpur की ओर से मार्च के अंत तक आएगी मशीन...

छात्र धागे की सतह पर छिद्र बनाने की तकनीक सीख सकेंगे

यूपीटीटीआई में नैनो तकनीक पर हो सकेगा शोध; IIT Kanpur की ओर से मार्च के अंत तक आएगी मशीन...

कानपुर, अमृत विचार। यूपीटीटीआई में अब नैनो तकनीक के जरिए धागों पर शोध हो सकेगा। इसके लिए संस्थान में एक नई मशीन स्थापित की जा रही है। इस मशीन की खासियत यह है कि यह ऐसे धागे तैयार कर सकती है जिसके भीतर और सतहों पर बारीक छिद्र हो सकें। इस तरह के धागों का प्रयोग फिल्टर सहित तमाम औद्योगिक उत्पादों में हो सकेगा। संस्थान का दावा है कि इस तरह की मशीन प्रदेश में किसी भी संस्थान पर अब तक नहीं लगी है। 

यूपीटीटीआई में औद्योगिक उपयोग के लिए फिल्टर प्रक्रिया पर कई शोध चल रहे हैं। इन शोध में ऐसे धागों को तैयार किया जाना है, जिनमें उनकी सतह और भीतर छेद मौजूद हो। इस कार्य के लिए संस्थान की ओर से आईआईटी की सहायता ली गई। इसके बाद संस्थान के एक स्टार्टअप की ओर से उसे पूरा किया गया। अब स्टार्टअप की ओर से तैयार की गई मशीन यूपीटीटीआई में स्थापित होने जा रही है। इस मशीन के संस्थान में आने के बाद धागों में नैनो तकनीक के कई शोधकार्य आसान हो सकेंगे।

इन शोध कार्य से खासतौर पर औद्योगिक कार्य की चुनौतियों संबंधी शोध को जल्द पूरा किया जा सकेगा। संस्थान को मिलने वाली नई सुविधा पर प्रो जेपी सिंह ने बताया कि यह मशीन नैनो तकनीक पर शोध कार्य को आसान करेगी। पूरे प्रदेश में यूपीटीटीआई एक ऐसा संस्थान बन सकेगा जहां पर धागों पर शोध के लिए इस तरह की अत्याधुनिक मशीन का सहयोग लिया जाता रहा होगा। मशीन को मंगवाने के लिए सभी प्रक्रिया पूरी हो गई है। मार्च के अंत तक मशनी को संस्थान में स्थापित कर दिया जाएगा।   

डिवाइस पर पूरा हुआ शोध

संस्थान में हाल ही में पानी को शुद्ध करने के लिए किए जा रहे शोध को पूरा कर लिया गया है। इस शोध में एक ऐसे फिल्टर को तैयार किया गया है जो बोतल में लगाने से साफ पानी दे सकेगा। संस्थान का मानना है कि इस तरह की मशीन यदि पहले संस्थान में स्थापित हो जाती तो कई शोध पहले ही पूरे किए जा सकते थे। इसी तरह के अन्य शोध के लिए इस तरह की मशीन की जरूरत संस्थान को पड़ी थी।

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