शाहजहांपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष ने बिलों में पकड़ी लाखों की गड़बड़ी, 3 घंटे से ज्यादा चली जांच-पड़ताल

शाहजहांपुर, अमृत विचार: जिला प्रशासन के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव ने भी स्वास्थ्य विभाग के घोटालों की जांच शुरू कर दी है। गुरुवार शाम जिला पंचायत अध्यक्ष अपने स्टाफ के साथ सीएमओ कार्यालय पहुंचीं और तीन घंटे से ज्यादा समय तक जांच-पड़ताल की। इस दौरान उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन बिलों में लाखों रुपये की गड़बड़ी पकड़ी।
जानकारी मिली कि कोरोनाकाल में सीएचसी-पीएचसी पर बांटने के लिए लाया गया करोड़ों का सामान डंप पड़ा है और उसे भेजा ही नहीं गया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने जब एनएचआरएम के मुख्य रजिस्टर के बारे में पूछा तो पता चला कि अकाउंटेंट मौजूद ही नहीं था, वह सीएमओ का सामान लेने गया था। इस पर अध्यक्ष ने करोड़ों रुपये के घोटाले की आशंका जताई है। उन्होंने मामले की शिकायत शासन के साथ-साथ डीएम और सीडीओ से करने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टीम दस्तावेजों का मिलान कर रही है और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। कांट सीएचसी प्रभारी गौरव सक्सेना पर निजी कर्मचारी रखकर वसूली कराने और झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई न करने के आरोप लगे थे। इसके बाद से विभाग लगातार आरोपों के घेरे में आ गया। सीडीओ डॉ. अपराजिता सिंह ने कुछ मामलों की परतें खोलीं, तो पता चला कि चश्मा वितरण में लाखों रुपये का घोटाला किया गया है। इसके अलावा तमाम सामान डंप कर जनता के पैसे को बर्बाद किया गया।
इसी बीच किसी ने जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव से मामले की शिकायत की। इसके बाद गुरुवार शाम चार बजे वह अपने जिला पंचायत कार्यालय के स्टाफ के साथ सीएमओ कार्यालय पहुंच गईं। सीएमओ डॉ. अंसार अली मौके पर मौजूद थे। अध्यक्ष ने रजिस्टर निकलवाए और जांच शुरू कर दी। जांच में पता चला कि ऑनलाइन और ऑफलाइन बिलों में भारी अंतर है। सैकड़ों की संख्या में ऐसे बिल मिले, जिनमें ऑनलाइन कुछ और, ऑफलाइन कुछ और राशि दर्शाई गई थी।
बिलों में लाखों रुपये के हेरफेर की बात सामने आई। जब कोरोनाकाल के दौरान आए बजट की जांच की गई, तो पता चला कि करोड़ों रुपये का सामान सीएचसी-पीएचसी पर भेजा ही नहीं गया। इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं को दवा और अन्य सामान देने के लिए सरकार की ओर से भेजे गए पैसे को सीएमओ कार्यालय ने किसी अन्य कार्य में खर्च कर दिया।
इसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि प्रथम दृष्टया करोड़ों रुपये का घोटाला प्रतीत हो रहा है। मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से की जाएगी और दोषी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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