विश्व जल दिवस: आ गई गर्मी...सूखेंगे गले तो पानी के लिए भटकेंगे लोग
शहर में बड़ी संख्या में हैंडपंप खराब, 64 हजार घरों तक नहीं पहुंच रहा शुद्ध पानी

बरेली, अमृत विचार। गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। प्यास से गले सूखेंगे तो लोगों को पानी के लिए भटकना होगा क्योंकि शहर में बड़ी संख्या में हैंडपंप खराब पड़े हैं, पानी पीला है या रेत आ रही है। घरों को पानी की समस्या से दो चार होना होगा क्योंकि पाइप लाइनों में लीकेज हैं। अफसर हर वर्ष 200 हैंडपंपों की मरम्मत कराने का दावा करते हैं फिर भी इतनी बड़ी संख्या में हैंडपंप खराब पड़े हैं, तो दावा खोखला लगता है। सभी घरों तक साफ पानी पहुंचाने का भी दावा है फिर भी शहर में करीब 64 हजार घरों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। जबकि करोड़ों रुपये पानी उपलब्ध कराने के लिए खर्च किया जा चुका है।
नगर निगम क्षेत्र में करीब 12 लाख की आबादी निवासी करती है। प्रति व्यक्ति प्रतिदिन करीब 10 से 15 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। इस तरह करीब 155 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे) पानी की आवश्यकता है। पर नगर निगम का जलकल विभाग 142 एमएलडी पानी ही सप्लाई कर पा रहा है। इसके लिए नगर निगम ने 845.71 किलोमीटर की पेयजल लाइन डाल रखी है। पर अभी भी बाहरी वार्डों में कई जगहों पर पाइप लाइन नहीं है। इससे साफ है कि करीब 64 से 66 हजार घरों तक शुद्ध पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है। वह अपने निजी संसाधनों से पानी की कमी दूर कर रहे हैं। वहीं नियम है कि सभी सरकारी और कामर्शियल भवन में वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन निगम क्षेत्र के करीब 120 से 125 भवन में यह व्यवस्था नहीं है। इसको लेकर कोई रोकटोक न होने के कारण जैसे तैसे चल रहा है। निगम के शिकायत प्रकोष्ठ पर आई शिकायतों पर गौर किया जाए तो प्रत्येक दिन दो से तीन शिकायतें पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने और लीकेज की आ रही है।
दूषित पानी की शिकायत
कई वार्डों के लोगों की शिकायतें नगर निगम को मिल चुकी है कि उनके वार्ड में पाइप लाइन से पानी गंदा आता है। कुछ समय पहले जगतपुर और पुराने शहर के लोगों ने इसकी शिकायत नगर निगम से की थी। जगतपुर में पानी की टंकी के पास गंदा पानी जमा होने के कारण अक्सर पास के वार्डों में गंदे पानी की शिकायत मिलती रहती है।
बड़ी संख्या में हैंडपंप खराब
नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि गर्मी के दिनों में पानी को लेकर लोगों को दिक्कत न हो, इसके लिए पुराने इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत कराई जाती है। जलकल विभाग के कागजों के मुताबिक शहरी क्षेत्र में 3904 हैंडपंप लगे हैं। इनमें बड़ी संख्या में हैंडपंप सालों से खराब पड़े हैं। पीला पानी या रेत आ रही है। इन्हें रीबोर कराने का काम लंबे समय से टाला जा रहा है। प्रेम नगर के सूद धर्म कांटे के पास हैंडपंप खराब पड़ा है। लोगों ने कई बार शिकायत भी की है। महिला थाने के पास लगा हैंड पंप खराब है। नेकपुर वार्ड के गणेश नगर में सड़क के किनारे लगा हैंड पंप टाइल्स लगने के कारण धंस चुका है और खराब पड़ा है। बदायूं रोड पर रवींद्र नगर में हैंडपंप सालों से खराब है। सुरेश शर्मा नगर में हैंडपंप से रेत आ रही है। जहां सड़क बनाई गई हैं, वहां हैंडपंप गायब हो चुके हैं। तमाम हैंडपंप सीवर लाइन बिछाने के लिए भी उखाड़कर फेंक दिए गए। गर्मियां शुरू हुई हैं, अभी से गले सूखने लगे हैं। कुछ दिनों बाद भीषण गर्मी पड़ेगी तो लोग पानी के लिए मुसीबत उठाएंगे। अभी से ही हैंडपंप की मरम्मत की जानी चाहिए लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा।
नगर निगम के इंतजाम
- 80 वार्डों के लिए 155 एमएलडी पानी चाहिए
-142 एमएलडी पानी की हो रही है आपूर्ति
-845.71 किलोमीटर पाइप लाइन
-3904 इंडिया मार्का हैंडपंप
- 94 नलकूपों नगर निगम के है
-42 ओवरहेड टैंक है, जिसकी क्षमता 46175 किलो लीटर है
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए पेयजल आपूर्ति को ठीक करने और हैंडपंप मरम्मत करने का निर्देश दिए गए है। इसको लेकर कई जगहों पर काम चल रहा है। लीकेज को ठीक करने के लिए टीम भी बनाई गई है।
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