Chitrakoot: ई-रिक्शा पकड़े जाने पर युवक ने लगाई फांसी, परिजनों का आरोप- पचास हजार रुपये जुर्माना मांगा जा रहा था, जांच के आदेश

चित्रकूट, अमृत विचार। ई-रिक्शा चालक ने घर के ऊपरी तल में फांसी लगाकर जान दे दी। उसका शव स्ट्राल के सहारे खिड़की से लटका मिला। परिजनों का आरोप है कि वह रिक्शा पकड़े जाने से परेशान था। छोड़े जाने के एवज में पचास हजार रुपये जुर्माने की मांग की जा रही थी।
मामला थाना कोतवाली कर्वी अंतर्गत नगर पालिका विस्तारित क्षेत्र शास्त्रीनगर वार्ड नंबर 21 का है। यहां फूलचंद जायसवाल (45) अपने परिवार के साथ रहता था। गुरुवार की भोर उसका शव घर के ऊपरी तल पर किचन में खिड़की से लटका मिला। उसने स्ट्रॉल के सहारे फंदा बनाकर फांसी लगा ली थी। ऊपरी तल में रहने वाले किरायेदार आलोक ने इसे देखा तो फूलचंद की पत्नी प्रीति को आवाज दी।
नीचे से युवक की पत्नी, बच्चे भागकर पहुंचे। जिंदगी की आस में फूलचंद को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पत्नी और परिजनों का आरोप है कि वह अपना ई-रिक्शा पकड़े जाने से परेशान था। सूचना कोतवाली पुलिस को दी गई।
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। मृतक के बड़े भाई कन्हैयालाल जायसवाल ने आरोप लगाया कि पीटीओ और पुलिस ने सीज रिक्शा को छोड़ने के लिए 50 हजार देने को कहा था कि रिक्शा सीज हो गया है। रुपये लगेंगे। इससे वह तनाव में था। उसने बताया कि उन लोगों ने उसे समझाया भी कि परेशान न हो, कुछ किया जाएगा पर सुबह उसने फांसी लगा ली।
टीम गठित कर जांच के आदेश
ई रिक्शा चालक की आत्महत्या के मामले के तूल पकड़ने पर जिलाधिकारी शिवशरणप्पा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व उमेश चंद्र निगम की अध्यक्षता में टीम गठित की है। साथ ही भरोसा दिया है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। यह भी बताया गया कि कार्यालय एआरटीओ ने अवगत कराया है कि यात्री कर अधिकारी दीप्ति त्रिपाठी ने पांच मार्च को अनधिकृत वाहनों के विरुद्ध अभियान चलाया था। इसमें 12 वाहनों पर कार्रवाई की थी।