Bareilly: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिले में चिह्नित 241 वेटलैंड का होगा सीमांकन

बरेली, अमृत विचार। जल गुणवत्ता में सुधार, बाढ़ नियंत्रण और कटाव से बचाव के साथ जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए जनपद में 241 वेटलैंड चिह्नित किए गए थे। कई वेटलैंड तैयार हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के तीन माह पुराने आदेश के तहत इन सभी वेटलैंड का भौतिक सत्यापन (ग्राउंड ट्रूथिंग) और चौहद्दी का सीमांकन (बाउंड्री डिमार्केशन) कराया जाना है। इस सिलसिले में डीएफओ ने जिले के सभी एसडीएम से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है।
डीएफओ दीक्षा भंडारी ने समस्त एसडीएम को जारी पत्र में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018, 2001 और 2020 में दर्ज हुईं रिट पिटीशन में 11 दिसंबर 2024 को जारी आदेश में एटलस 2021 के अनुसार राज्य में चिह्नित समस्त वेटलैंड का भौतिक सत्यापन और चौहद्दी निर्धारण कराने को कहा था। यह काम करने के लिए तीन माह का समय दिया गया। अब सुप्रीम कोर्ट में वेटलैंड के भौतिक सत्यापन और चौहद्दी निर्धारण के संबंध में 25 मार्च को सुनवाई है।
डीएफओ ने कहा है कि एटलस 2021 के अनुसार जनपद में चिह्नित 241 वेटलैंड की सूची पहले ही भेजी जा चुकी है। इनका भौतिक सत्यापन और चौहद्दी निर्धारण निर्धारित समयावधि में होना है। उन्होंने कार्य की प्रगति प्रत्येक सप्ताह मंगलवार को गूगल स्प्रेड शीट के लिंक में अपडेट कराने को कहा है। डीएम रविंद्र कुमार ने भी चार दिन पहले जिला पर्यावरण समिति की समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को वेटलैंड का कार्य कराने को निर्देश दिए थे।
ग्राउंड ट्रूथिंग
यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां किसी मैप, सेटेलाइट इमेज या अन्य भू-स्थानिक डेटा से प्राप्त जानकारी को वास्तविक दुनिया में जाकर सत्यापित करते हैं। उदाहरण के लिए, आप सेटेलाइट इमेज में देखे गए किसी क्षेत्र के प्रकार (जैसे, जंगल, खेत, या सड़क) को वास्तविक दुनिया में जाकर जांच सकते हैं। यह डेटा सटीक और विश्वसनीय होता है।
बाउंड्री डिमार्केशन
यह भूमि की सीमाओं को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने की प्रक्रिया है। इसमें सीमाओं को चिह्नित करने के लिए भौतिक निशान (जैसे, खंभे, पत्थर, या बाड़) लगाना शामिल किया जाता है ताकि भूमि के मालिक और अन्य हितधारकों के बीच किसी प्रकार का कोई विवाद उत्पन्न न हो सकें।
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