लखीमपुर खीरी: मुंजहा हवाई पट्टी के लिए छह माह में भी नहीं हुआ आधी जमीन का अधिग्रहण 

लखीमपुर खीरी: मुंजहा हवाई पट्टी के लिए छह माह में भी नहीं हुआ आधी जमीन का अधिग्रहण 

पलिया कलां, अमृत विचार। पलिया हवाई पट्टी के लिए भूमि अधिग्रहण 15 मार्च तक होना है, लेकिन अभी तक 50 प्रतिशत भी अधिग्रहण नहीं हो पाया है। ऐसे में तय समय सीमा में अधिग्रहण कर पाना प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। हालांकि एसडीएम रत्नाकर मिश्रा का कहना है कि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है और निर्धारित समय सीमा में जमीन अधिग्रहण कर लिया जाएगा।

पलिया कलां क्षेत्र के गांव मुंजहा में करीब 28 साल पहले हवाई पट्टी का निर्माण कराया गया था। अभी तक इस पर सिर्फ वीआईपी अथवा सेना के विमान ही उतर रहे थे। 12 जून 2024 की कैबिनेट की बैठक में तीन गांवों की भूमि का अधिग्रहण कर हवाई पट्टी के विस्तार का प्रस्ताव पारित हुआ था। इसके बाद 25 नवंबर को दुधवा टाइगर रिजर्व और लखनऊ के बीच हवाई सेवा शुरू करने के लिए पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और वन पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने इस सेवा को हरी झंडी दी थी। दिसंबर से सप्ताह में दो दिन विशेष विमान इस पट्टी पर उतरने लगा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 15 मार्च तक विकास योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण कार्य पूरा करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद जमीन का अधिग्रहण प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। दरअसल, गांव मुंजहा, फुलवरिया और गजरौरा की 655.30 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, लेकिन साढ़े आठ महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक 50 प्रतिशत भूमि का भी अधिग्रहण नहीं किया जा सका है। 

बता दें कि अधिग्रहण में जमीनों के बदले चार गुना दाम किसानों को दिया जाना है। प्रशासन ने जमीन मालिकों की सूची तो तैयार कर ली, लेकिन अभी तक अधिग्रहण की कार्रवाई में तेजी नहीं दिख रही है। सरकार की कोशिश है कि इस हवाई पट्टी का विस्तार कर कम से कम 72 सीटों वाले विमान को उतरने लायक बनाया जाए।

सरकारी भूमि जद में नहीं
हवाई पट्टी के लिए प्रशासन जिस भूमि का अधिग्रहण करेगा, उसमें कोई भी सरकारी भवन या भूमि नहीं है। एसडीएम रत्नाकर मिश्रा ने बताया कि भूमि अधिग्रहण में सरकारी भवन जद में नहीं हैं और 399 ग्रामीणों की भूमि को अधिग्रहीत किया जाएगा।

एसडीएम पलिया रत्नाकर मिश्रा ने बताया कि हवाई पट्टी विस्तार के लिए जमीनों के अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही है। जिन किसानों की भूमि अधिग्रहीत की जानी हैं, उन्हें सूचीबद्ध किया जा चुका है। जमीन देने के लिए किसान सहमत हैं, इसलिए निर्धारित समय में अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।