सकट चौथ : पुत्रों की दीर्घ आयु के लिए निर्जला व्रत रखेंगी माताएं, बन रहा सौभाग्य योग, जानिए कब होगा पारण
लखनऊ, अमृत विचार। पुत्रों की दीर्घ आयु और उनके जीवन में विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए माताएं शुक्रवार को सकट चौथ का निर्जला व्रत रखेंगी। सकट चौथ पर सौभाग्य योग, मघा नक्षत्र योग बन रहा है। सकट चौथ व्रत संतान की लम्बी आयु के लिये किया जाता है। इस दिन संकट हरण गणपति गणेश का पूजन होता है। पूजा में दूर्वा, शमी पत्र, बेल पत्र, गुड़ और तिल के लड्डू चढ़ाये जाते हैं। यह व्रत संकटों, दुःखों को दूर करने वाला और रिद्धि-सिद्धि देने वाला है।
यह व्रत माघ के कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है। इसे तिलकुटा चौथ भी कहते हैं। स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल बताते हैं कि चतुर्थी तिथि शुक्रवार को प्रात: 4:06 से शुरू होगी और 18 जनवरी को प्रात: 5:30 पर तिथि पर समापन होगा। सकट चौथ पर स्त्रियां निर्जल व्रत रखती है। शाम को चन्द्रोदय के समय तिल, गुड़ आदि का अर्ध्य चन्द्रमा को दिया जाता है। तिल को भूनकर गुड़ के साथ कूट लिया जाता है। तिलकुट का पहाड़ बनाया जाता है। कहीं-कहीं तिलकुट का बकरा भी बनाया जाता है। उसकी पूजा करके घर का कोई बच्चा तिलकुट बकरे की गर्दन काट देता है। कथा सुनायी जाती है फिर सबको उसका प्रसाद दिया जाता है। चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा उदय रात 8:55 पर होगा अर्घ्य देने के बाद ही मातायें (व्रती) जल ग्रहण करती हैं।
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