संभल के 1978 साम्प्रदायिक दंगे की फाइल खुली, एडीएम-एएसपी करेंगे जांच...दंगा आरोपियों की उड़ी नींद

शासन के उप सचिव गृह पुलिस सत्येंद्र प्रताप सिंह ने मांगी है एक सप्ताह में रिपोर्ट, 1978 दंगे की जांच की भनक से दंगा आरोपियों की उड़ी नींद

संभल के 1978 साम्प्रदायिक दंगे की फाइल खुली, एडीएम-एएसपी करेंगे जांच...दंगा आरोपियों की उड़ी नींद

संभल, अमृत विचार। संभल में सन् 1978 में हुए साम्प्रदायिक दंगे की फाइलें अब खंगाली जाएंगी। शासन ने 1978 के दंगे को लेकर एक सप्ताह में संयुक्त जांच रिपोर्ट तलब की है। शासन की निर्देश पर अपर जिलाधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। संभल दंगों की दुबारा जांच की सुगबुगाहट शुरू होते ही दंगों के आरोपियों की नींद उड़ गई है।

संभल में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हिंसा हुई तो 1978 में हुए साम्प्रदायिक दंगे का भी जिक्र शुरू हो गया। खग्गू सराय में मुस्लिम आबादी के बीच 46 साल से बंद मंदिर को प्रशासन ने खुलवाया तो बात सामने आई कि इस इलाके में दो दर्जन हिंदू परिवार रहते थे जो 1978 के साम्प्रदायिक दंगे के बाद घर बेचकर पलायन कर गये थे। दंगे के कई पीड़ित भी सामने आये जिन्होंने आपबीती सुनाई। यह बात भी उठी कि दंगे में शामिल होकर हत्याएं करने वालों को सजा नहीं मिली। जिला अदालत से आरोपी बरी हुए तो आगे अपील ही नहीं की गई। सदन में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संभल के दंगे का जिक्र किया था। कहा था कि संभल दंगे में सैंकड़ों लोग मारे गये और उस समय की सरकारों ने कुछ नहीं किया। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि प्रदेश सरकार 1978 के संभल दंगे की फाइलें खुलवाकर दुबारा जांच करा सकती है।

पुलिस अधीक्षक मानवाधिकार ने 6 जनवरी को संभल के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को 1978 के साम्प्रदायिक दंगे की जांच को लेकर पत्र भेजा है। कहा गया है कि विधान परिषद सदस्य श्री चंद्र शर्मा द्वारा नियम 115 के तहत दी गई सूचना पर एक सप्ताह में कार्रवाई के लिए शासन के उप सचिव गृह पुलिस सत्येंद्र प्रताप सिंह ने एक सप्ताह में आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। इस पत्र के मिलने के बाद जनपद में दो अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस अधीक्षक ने एएसपी उत्तरी श्रीश्चंद्र को नामित किया है जबकि जिलाधिकारी ने अपनी तरफ से एडीएम प्रदीप वर्मा को जांच के लिए नामित किया है। यह दोनों अधिकारी अब 1978 के संभल दंगे की जांच करके संयुक्त रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।

इस बारे में मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह का कहना है कि संभल के दंगों की जांच को लेकर शासन के आदेश के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय स्तर पर शिकायतें हुई थीं। उन्हीं के आधार पर स्थानीय स्तर पर जांच कराई जा रही होगी।

ये भी पढे़ं : संभल: ईंट भट्ठे की धधकती आग में कूदकर मजदूर ने किया आत्मदाह, मिले सिर्फ हड्डियों के अवशेष