Lucknow: PGI में मिली थी आंत की सर्जरी की सलाह, आयुर्वेद से मिली निजात

अल्सरेटिव कोलाइटिस का आयुर्वेद से हुआ सफल इलाज

Lucknow: PGI में मिली थी आंत की सर्जरी की सलाह, आयुर्वेद से मिली निजात

लखनऊ, अमृत विचार: अल्सरेटिव कोलाइटिस बीमारी से ग्रसित युवती का आयुर्वेद से सफल इलाज हुआ है। युवती को एसजीपीजीआई के डॉक्टरों ने भी आंत के ऑपरेशन की सलाह दी थी। आयुर्वेद से इलाज के बाद अब युवती पूरी तरह से स्वस्थ है। इस केस की रिपोर्ट को नीदरलैंड से प्रकाशित होने वाले एक अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक जर्नल जेएआईएम ने प्रकाशन के लिए स्वीकृति दी है।

राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में स्थापित प्रदेश के प्रथम गठिया शोध केंद्र के संस्थापक निदेशक रहे वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. संजीव रस्तोगी ने बताया कि बाराबंकी निवासी 26 वर्षीय युवती 5 वर्षों से अल्सरेटिव कोलिटिस से पीड़ित थी। अल्सरेटिव कोलाइटिस, बड़ी आंत (कोलन) में होने वाली सूजन की एक पुरानी बीमारी है। इस बीमारी में बड़ी आंत और मलाशय की अंदरूनी परत में सूजन आ जाती है। पेट में दर्द, दस्त, मल में खून आना इसके प्रमुख लक्षण हैं। युवती का लंबे समय तक एसजीपीजीआई से इलाज चला। राहत न मिलने पर चिकित्सकों ने उसे बड़ी आंत की सर्जरी कराये जाने की सलाह दी थी। रोगी का वजन निरंतर घट रहा था और उसे दिन भर में 10 से 15 बार मल त्याग की अनुभूति होती थी। मल के नाम पर सिर्फ रक्त ही दिखाई पडता था। इससे वह कमजोर हो गई थी।

एक वर्ष के इलाज में हुई स्वस्थ

डॉ. संजीव रस्तोगी के मुताबिक एक वर्ष के आयुर्वेदिक उपचार के बाद युवती पूरी तरह से स्वस्थ है। उसके मल के साथ रक्त का आना पूरी तरह बंद हो चुका है, मल प्रवृत्ति सामान्य हो चुकी है और एक वर्ष के आयुर्वेदिक उपचार के दौरान उसका लगभग 5 किलोग्राम वजन भी बढ़ गया है। इन्डोस्कोप के द्वारा परीक्षण करने पर अब बड़ी आंत में कोई भी घाव नहीं हैं।

यह भी पढ़ेः अस्पतालों में नहीं लगेंगे क्वाएल वाले हीटर, झांसी अग्निकांड के बाद शासन ने जारी किए निर्देश