Kanpur में डिफेंस कॉरिडोर के लिए भूमि देने से किसानों का इन्कार, मांग रहे अधिक मुआवजा, प्रशासन मनाने में विफल
कानपुर, अमृत विचार। साढ़ गांव में स्थापित डिफेंस कॉरिडोर के विस्तार की योजना अधर में लटक गई है। यहां के गोपालपुर नरवल, मोहीपुर और दौलतपुर गांव के किसानों ने विस्तार के लिए भूमि देने से इन्कार कर दिया है। भूमि देने के लिए उन्होंने चार गुना से अधिक मुआवजा मांगा है। यह शर्त पूरी कर पाना प्रशासन के लिए मुश्किल है। 180 हेक्टेयर क्षेत्रफल में कॉरिडोर का विस्तार होना है।
162 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहीत की जानी है। शेष भूमि ग्राम समाज की है जिसका पुनर्ग्रहण होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के प्रस्ताव पर प्रशासन ने यहां भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पा रही है।
घाटमपुर के साढ़ गांव में 222 हेक्टेयर क्षेत्रफल में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित है। यहां अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस ने एम्यूनेशन कांप्लेक्स स्थापित हो चुका है। कुंग आर्मर, एमकेयू समेत आधा दर्जन और कंपनियों ने इकाई स्थापना की प्रक्रिया शुरू की है। एमकेयू कई देशों के सैनिकों के लिए हेलमेट, बुलेटप्रूफ जैकेट बनाएगी।
डिफेंस कॉरिडोर में अब आवंटन के लिए भूमि नहीं बची है जबकि यहां मांग ज्यादा है। कई बड़ी कंपनियां चाहतीं हैं कि उन्हें यहां भूमि मिले ताकि वे अपना उद्योग यहां स्थापित कर सकें। इसकी वजह है पास से ही प्रस्तावित रिंग रोड और कबरई तक बनने वाला समानांतर राष्ट्रीय राजमार्ग। इसके साथ रिंग रोड चकेरी एयरपोर्ट से भी लिंक होगी।
यानि ट्रांसपोर्ट के लिहाज से भी यह क्षेत्र उद्यमियों के लिए काफी सुविधाजनक व लाभकारी साबित होगा। भूमि की मांग बढ़ी तो प्राधिकरण ने साढ़ से सटे गांवों में भी जमीनें चिह्नित कर लीं। तीन गांवों में 1311 किसानों की 162 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है और 18 हेक्टेयर भूमि ग्राम समाज की ली जानी है।
किसान को सर्किल रेट या बाजार दर में जो अधिक होगा उसका चार गुना मुआवजा दिया जाना है। किसान चाहते हैं कि उन्हें इससे ज्यादा मुआवजा मिले। यही वजह है कि सहमति पत्र पर वे हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं और मुआवजे का वितरण नहीं हो पा रहा है।
किसान जिस हिसाब से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, नियमानुसार वह नहीं दिया जा सकता। मामला सुलझाने के लिए उनसे बातचीत चल रही है।- राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी