14 माह से बकाया तदर्थ शिक्षकों का वेतन, 20 से 25 साल तक सेवाएं दे चुके शिक्षक भुखमरी के कगार पर

14 माह से बकाया तदर्थ शिक्षकों का वेतन, 20 से 25 साल तक सेवाएं दे चुके शिक्षक भुखमरी के कगार पर

लखनऊ, अमृत विचार: खुले आसमान के नीचे हांड़ कंपा देने वाली ठंड में प्रदेश के 36 जिलों से आए 1100 से अधिक माध्यमिक तदर्थ शिक्षक अपने बकाया वेतन के भुगतान के लिए याचना कर रहे हैं। सुंदरकांड का पाठ करके शिक्षक सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उनको 14 माह का बकाया वेतन का भुगतान किया जाए। 20 से 25 वर्ष तक अपनी सेवाएं दे चुके शिक्षक पिछले 18 दिसंबर से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं। शिक्षक न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहते हैं कि वेतन दिया जाना चाहिए। जबकि अधिकारियों ने सरकार को गुमराह किया है जिससे उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है।

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शिक्षकों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से भी वेतन भुगतान करने का आदेश हुआ है। लेकिन सरकार इसके खिलाफ विशेष अपील करने की तैयारी में हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में वेतन भुगतान करने का आदेश जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिया है। 1993 तक के तदर्थ माध्यमिक शिक्षकों को मानदेय दिए जाने के सरकार के आदेश को निरस्त कर न्यायालय ने वेतन देने का आदेश दिया है। शिक्षकों का आरोप है कि सरकार न्यायालय के आदेश को नहीं मान रही है। धरना के माध्यम से सरकार से याचना कर रहे शिक्षकों का कहना है कि जबतक सरकार हमारी मांगे नहीं मानती हम धरना जारी रखेंगे। धरने पर राजेश त्रिपाठी, ह्रदय मिश्र, देवेंद्र सिंह, प्रभाकर दुबे, अभिमन्यु सिंह, आशुतोष मिश्रा, विवेक राज सिंह, रंजना सिंह, विनोद मिश्रा, राजेश सिंह, सुशील शुक्ला आदि शिक्षक प्रदेश के विभिन्न जिलों से आकर धरनारत हैं।

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