अमरोहा के सपा विधायक से नगर निगम ने खाली कराया आवास
नौगांवा सादात सीट से समाजवादी पार्टी से विधायक हैं समरपाल सिंह
मुरादाबाद, अमृत विचार। नगर निगम व प्रशासन की टीम ने शुक्रवार को कंपनी बाग कंपोजिट स्कूल के पास नगर निगम के दो भवन जिसमें एक पर अमरोहा के नौगावां सादात के विधायक समरपाल सिंह को आवंटित था और एक एलडी चतुर्वेदी को आवंटित था, इसकी समयावधि बीतने के बाद भी खाली न होने पर नगर निगम की टीम ने आवंटन निरस्त कर इसे खाली कराया। प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल के साथ नगर निगम के अधिकारियों ने आवास पर अनधिकृत कब्जे को हटवाकर उसे अपने अधिकार में ले लिया।
कंपनी बाग में कंपोजिट स्कूल के पास नगर निगम के दो भवन हैं। जिसमें एक भूतल का आवास अमरोहा के नौगावां सादात सीट से विधायक समरपाल सिंह को आवंटित था जबकि उसके ऊपर बना एक आवास एलडी चतुर्वेदी को 15 वर्ष के लिए आवंटित था। इसकी समय सीमा बीतने के बाद भी आवास खाली नहीं किया गया था। जिस पर नगर निगम की ओर से दोनों को नोटिस जारी किया गया था। लेकिन, इसके बाद आवास खाली न होने पर नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल के आदेश पर नगर निगम व प्रशासन की टीम ने कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान एसीएम द्वितीय अजय मिश्रा, अपर नगर आयुक्त द्वितीय अजीत कुमार, संयुक्त नगर आयुक्त निशा मिश्रा, प्रवर्तन दल के प्रभारी एसके शाही व अन्य अधिकारियों व प्रवर्तन दल की टीम ने कार्रवाई की। आवास को खाली कराकर उसे नगर निगम के नियंत्रण में लेकर उस पर बोर्ड लगा दिया। कार्रवाई के दौरान नगर निगम के मुख्य सुरक्षा अधिकारी अविनाश गौतम, सहायक अभियंता विजेंद्र पाल के अलावा नगर निगम के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा प्रवर्तन दल के सदस्य व कोतवाली पुलिस की टीम भी मौजूद रही। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल का कहना है कि नगर निगम की संपत्ति की सुरक्षा प्राथमिकता है। इस पर किसी भी प्रकार के अवैध व नियम विरुद्ध कब्जे को हटाया जा रहा है। आगे भी ऐसी संपत्तियों को खाली कराकर उसे निगम के अधिकार में लिया जाएगा।
550 वर्गमीटर में बना था आवास, 15 करोड़ है बाजार में कीमत
नगर निगम की टीम ने सपा विधायक समरपाल सिंह व एलडी चतुर्वेदी से जो आवास कंपनी बाग स्थित खाली कराया है वह 550 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बना था। इसकी बाजार में कीमत 15 करोड़ रुपये है। अपर नगर आयुक्त द्वितीय अजीत कुमार ने बताया कि दोनों आवासों को खाली करने के लिए पूर्व में नोटिस दिया गया था। बताया कि आवासों का आवंटन 1994 में किया गया था। जिसकी समयावधि 15 वर्ष की पूरी हो चुकी थी।
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