शाहजहांपुर: साढ़े ग्यारह घंटे बाद माना अधिवक्ता, कब्जेदारों पर रिपोर्ट हुई तो टंकी से उतरा

पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर वकील को व्हाट्सएप पर भेजी कॉपी

शाहजहांपुर: साढ़े ग्यारह घंटे बाद माना अधिवक्ता, कब्जेदारों पर रिपोर्ट हुई तो टंकी से उतरा

जलालाबाद, अमृत विचार। जमीन पर कब्जा छुड़वाए जाने की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े अधिवक्ता को मनाने में प्रशासन को 11 घंटे लग गए। रात 1:28 बजे रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अधिवक्ता टंकी के नीचे उतर आया, तब कहीं जाकर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
 
नगर के मोहल्ला कानूनगोयान निवासी अधिवक्ता शिवेंद्र कटियार की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा करके उस पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। कब्जा छुड़वाए जाने की बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद भी जब उसकी सुनी नहीं गई। सोमवार को एक बार फिर वह कोतवाली में उम्मीद के साथ पहुंचा था कि उसकी जमीन को पुलिस कब्जा मुक्त करा देगी, लेकिन ऐसा न होने पर उसका सब्र जवाब दे गया। वह दोपहर करीब दो बजे कोतवाली परिसर में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया। फिर उसे टंकी से नीचे उतारने के लिए मान मनौव्ल शुरू हुई। कोतवाल प्रदीप कुमार राय उसे टंकी से नीचे उतारने के लिए देर शाम तक डटे रहे, लेकिन पीड़ित का कहना था कि जब तक कब्जेदारों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती या उसकी जमीन कब्जेदारों से मुक्त नहीं कराई जाती तब तक वह नीचे नहीं उतरेगा। उसने चेतावनी दी कि वह टंकी से कूद कर जान दे देगा।

शिवेंद्र का आरोप था कि जलालाबाद विधायक हरि प्रकाश वर्मा के इशारे पर कब्जेदार उसकी जमीन पर काबिज हैं और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। विधायक ने सभी आरोपों का खंडन किया था। शाम होते-होते मामला गहराता चला गया, लोगों की टंकी के आसपास भीड़ जमा हो गई। पुलिस सांसत में पड़ी थी कि आखिर शिवेंद्र को टंकी से नीचे कैसे उतारा जाए। शाम को दमकल यूनिट को बुलाया गया और नीचे चारो ओर जाल लगा दिया गया ताकि टंकी से कूदने पर शिवेंद्र के साथ किसी प्रकार की अनहोनी न हो, इसके बाद भी जब वह नीचे नहीं उतरा, तब फिर कोतवाल ने अधिकारियों को जानकारी दी। 

इसके बाद रात करीब एक बजे सीओ अमित चौरसिया, तहसीलदार पैगाम हैदर भी पहुंच गए और उन्होंने भी उसे कार्रवाई का भरोसा देकर नीचे उतारने की कोशिश की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था। उसका बार-बार यही कहना था कि जब तक कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक वह नीचे नहीं उतरेगा और यहीं टंकी से कूदकर जान दे देगा। तब फिर पुलिस ने शिवेंद्र की पत्नी से तहरीर ली और रिपोर्ट दर्ज करने का पूरा आश्वासन दिया, लेकिन वह फिर भी टंकी से नीचे नहीं उतरा। इसके बाद पुलिस ने रात 1:28 बजे मामले की रिपोर्ट दर्ज कर व्हाट्सएप पर उसे कॉपी भेजी, तब उसे भरोसा हुआ कि कब्जेदारों पर कार्रवाई पुलिस करेगी। इसके बाद वह नीचे उतर आया, तब प्रशासन ने राहत की सांस ली। 

इन लोगों को कराया गया नामजद
पीड़ित शिवेंद्र कटियार की पत्नी प्रज्ञा कटियार की तहरीर पर दर्ज की गई रिपोर्ट में नगर के मोहल्ला ईदगाह निवासी अरुण कुमार सिंह उर्फ डैनी, प्रमोद कुमार सिंह, मदनपाल सिंह, रूपापुर निवासी महेश सिंह, कुरतरा बरेली निवासी विजय भारद्वाज, विजय के पोते, महेश, गंभीर सिंह व 20 अज्ञात लोगों को शामिल किया गया है। 

फावड़े से शिवेंद्र पर किया गया था जानलेवा हमला 
प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि 27 दिसंबर को आरोपी ससुर के मकान पर अवैध कब्जा करने के लिए फावड़ा, बेलचा, तसला आदि औजार लेकर गए और नींव खोदने लगे। जानकारी होने पर शाम करीब चार बजे पति शिवेंद्र कटियार मौके पर गए। पति ने डायल 112 पर कॉल करके पुलिस को बुलाया। पुलिस ने पति से कागज दिखाने के लिए कहा, पति कागज दिखाने के लिए आगे बढ़े, तभी गंभीर सिंह, प्रमोद सिंह, महेश सिंह के उकसाने पर अरुण कुमार सिंह उर्फ डैनी ने पति शिवेंद्र कटियार पर जान से मारने की नीयत से फावड़े से हमला किया। शिवेंद्र ने दोनों हाथ ऊपर उठाकर फावड़े को पकड़ कर अपनी जान बचाई। इसके बाद पति से हाथापाई की। जब वह और उसकी सास बचाने गई तो आरोपियों ने धमकी दी कि आगे बढ़ी तो लाशें बिछा देंगे। शोरगुल सुनकर लोग इकट्ठा हो गए। इसके बाद आरोपी भाग गए।

दो दिन बाद आरोपियों ने डाल दिया लिंटर
प्रज्ञा ने बताया कि आरोपियों ने खोदी गई नींव पर दो दिन बाद 29 दिसंबर को आनन-फानन में दीवारे उठाकर उस पर लिंटर डलवाकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। जबकि जमीन का वाद न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़िता ने बताया कि आरोपियों से उसे व उसके परिवार को खतरा बना हुआ है, जिससे परिवार के लोग भयभीत हैं। पीड़िता ने बताया कि उससे ससुर बीमार हैं।

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