पीलीभीत: जानिए विदेशी नंबरों से कॉल कर आतंकियों ने किससे मांगी थी दस लाख की रंगदारी
पूरनपुर, अमृत विचार। मुठभेड़ में ढेर हुए तीन खालिस्तानी आतंकियों के नेटवर्क का पता लगाने के दौरान पूरनपुर के एक आईलेट संचालक से बब्बर खालसा के आतंकियों द्वारा रंगदारी मांगने का मामला उजागर हुआ था। आईलेट संचालक से दस लाख रुपये रंगदारी मांगी गई थी। एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया और अब पूरनपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई है। सुरक्षा एजेंसियां भी पड़ताल में जुट गई हैं।
गुरदासपुर (पंजाब) की पुलिस चौकी बखशीवाल में धमाका करने वाले तीनों आंतकियों को पंजाब और पीलीभीत ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। तब से लगातार पुलिस की 12 टीमें क्षेत्र में जांच पड़ताल कर रहीं हैं। शुक्रवार को एसपी अविनाश पांडेय पूरनपुर कोतवाली में थे। इसी बीच क्षेत्र के आइलेटस संचालक ने एसपी से मुलाकात कर अंदेशा जताया था कि 23 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तानी आंतकी गुरविंदर सिंह, जसनप्रीत सिंह और वीरेंद्र सिंह उन्हें मारने के लिए पंजाब से पूरनपुर आए थे। वजह पूछने पर उनका कहना था कि सात सितंबर को उनके पास बब्बर खालसा के आतंकी सिद्धू (यूरोप) ने विदेशी नंबर से व्हाटसअप कॉल कर दस लाख रुपये रंगदारी मांगी थी। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। दस लाख रुपये न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। जब उन्होंने नंबर को ब्लाक कर दिया। वह जब लंदन चले गए तो वहां रिहंदा (पाकिस्तान) नामक आतंकी ने फोन कर दस लाख रुपए मांगे। छह दिसंबर को उनके पास फतेह सिंह बागी नाम के व्यक्ति ने फोन कर रंगदारी मांगी थी। 16 दिसंबर को ही वह लंदन से भारत आए। उन्हें पहले ही धमकाया था कि जैसे ही भारत वापसी करोगे, हत्या करा देंगे। उनका कहना था कि मुठभेड़ में ढेर तीनों आतंकियों का बब्बर खाला के आतंकी सिद्धू से कनेक्शन भी निकला है। उनके भारत लौटने के चार दिन बाद ही आतंकी भी पूरनपुर आ गए थे। पूरनपुर कोतवाली में मामले में धारा 352/308(5)/351(4) बीएनएस के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।