बरेली: कुल के साथ सय्यद बहादुर वली के उर्स का समापन

बरेली, अमृत विचार। सय्यद बहादुर शाह वली के कुल की रस्म सादगी के साथ अदा की गई। इससे पहले तीन दिन तक दरगाह पर चादरपोशी की सिलसिला चलता रहा। कुल की रस्म के बाद तीन रोजा उर्स का समापन हो गया, जिसमें देश में अमन चैन और भाईचारे की दुआ मांगी गई। आजमनगर में हाजी …

बरेली, अमृत विचार। सय्यद बहादुर शाह वली के कुल की रस्म सादगी के साथ अदा की गई। इससे पहले तीन दिन तक दरगाह पर चादरपोशी की सिलसिला चलता रहा। कुल की रस्म के बाद तीन रोजा उर्स का समापन हो गया, जिसमें देश में अमन चैन और भाईचारे की दुआ मांगी गई। आजमनगर में हाजी सय्यद बहादुर शाह वली के उर्स की शुरुआत रविवार को बाद नमाजे फजर कुरआन ए पाक की तिलावत से हुई।

उर्से की शुरुआत 12 नवंबर को हुई थी। 13 नवंबर को सादगी के साथ चादरपोशी की रस्म अदा हुई। बाद में इशा की नमाज के बाद तकरीरी महफिल में बुजुर्गों की शख्सियत को बयां किया गया। इस मौके पर मौलाना साजिद रजा खां, मौलाना फुरकान, मौलाना आरिफ रजा, मौलाना सनाउल्लाह आदि ने अपनी तकरीर में तालीम हासिल करने पर जोर दिया। सोमवार को सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर कुल की रस्म सादगी के साथ अदा हुई। जिसमें कोरोना के खात्मे के लिये दुआ की गई। इस मौके पर शिरोज सैफ कुरैशी, बिलाल कुरैशी, इरफान कुरैशी, आदिल कुरैशी, जफर कुरैशी, आसिम कुरैशी, जुनैद कुरैशी, अजीम कुरैशी, पम्मी खान वारसी आदि शामिल रहे।