कानपुर-गाजियाबाद एक्सप्रेस वे: अब पांच घंटे में कानपुर से नोएडा और गाजियाबाद पहुंच सकेंगे: प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरेगा
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर से गाजियाबाद-नोएडा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे फाइलों से निकल कर जमीन पर उतरने के लिए तैयार है। फिलहाल प्रोजेक्ट को आकार देने का काम शुरू किया जा चुका है। अभी कानपुर से सड़क मार्ग से नोएडा या गाजियाबाद पहुंचने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे के माध्यम से करीब 390 किलोमीटर की यात्रा में 7 घंटे से ज्यादा समय लगता है।
गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेस वे का लक्ष्य इस समयावधि को 5 घंटे तक करना है। सफर का समय घटने से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि माल और सेवाओं की आवाजाही भी सुगम और गतिमान हो जाएगी, इससे समग्र आर्थिक गतिविधियों को तेजी से बढ़ावा मिलेगा।
योजना के मुताबिक यह एक्सप्रेस वे प्रदेश के 9 जिलों नोएडा (गाजियाबाद), हापुड़, बुलन्दशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर से होकर गुजरेगा। इसका उत्तरी छोर एनएच-9 गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे से जुड़ेगा, जबकि दक्षिणी छोर पर निर्माणाधीन कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा।
प्रोजेक्ट को पूरा करने की समय सीमा दो वर्ष रखी गई है। इस एक्सप्रेस वे को ग्रीनफील्ड परियोजना के रूप में विकसित किया जाना है। इसे देखते हुए निर्माण कार्य के लिए अविकसित भूमि की पहचान की गई है। जानकारी के मुताबिक भूमि मुआवजे के लिए केंद्र सरकार से 60 करोड़ रुपये की धनराशि मिल चुकी है, हालांकि किसानों को मुआवजा भुगतान की गति धीमी बताई जाती है।
अभी चार लेन, भविष्य में छह लेन
कानपुर से गाजियाबाद एक्सप्रेस वे का निर्माण चार लेन का होगा, लेकिन भविष्य में यातायात की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए इसे छह लेन तक विस्तार दिए जाने का प्रावधान सुनिश्चित किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि यह एक्सप्रेस वे प्रदेश में राजमार्गों और एक्सप्रेस वे के पहले से मौजूद प्रभावी नेटवर्क से जुड़कर विभिन्न क्षेत्रों के लिए कनेक्टिविटी बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
यही नहीं इस मार्ग के किनारे औद्योगिक केंद्रों की स्थापना को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है। इससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। नोएडा में जेवर हवाई अड्डे से जुड़ने पर इसके जरिए कानपुर तक कनेक्शन और बेहतर बनेगा।