IPS अधिकारी भी नहीं समझ पाये इस फ्रॉड को... फोन पर ही करा दिया था इंस्पेक्टर और दरोगा को सस्पेंड
गाजियाबाद, अमृत विचार। पुलिस कमिश्नर के सामने बैठकर एक शख्स ने सिर्फ सफेद झूठ ही नहीं बोला बल्कि अपनी मांग भी पूरी करा ली, लेकिन शख्स की एक हरकत पर जब पुलिस कमिश्नर ने जांच कराई तो पूरे फ्रॉड का खुलासा हुआ। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपित से पूछताछ शुरू कर दी है। आरोपित शख्स पुलिस कमिश्नर के सामने झूठ भी इस अंदाज में बोल रहा था कि पुलिस कमिश्नर भी उसे सम्मान देने खुद को नहीं रोक पाये। इतना ही नहीं अपने इसी अंदाज के चलते एक इंस्पेक्टर और एक दरोगा को यह आरोपित शख्स निलंबित भी करा जा चुका है।
दरअसल, पूरा मामला विनोद कपूर नाम के एक शख्स से जुड़ा हुआ है। जिसके खिलाफ एक मामला पहले से ही दर्ज है। इसी मामले की पैरवी करने के लिए अनिल कटियाल नाम का शख्स आईपीएस अधिकारियों से मुलाकात कर खुद सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी बता रहा था और सम्मान भी पा रहा था, लेकिन उसकी एक छोटी सी गलती ने उसकी पूरी पोल खोल दी, पुलिस कमिश्नर ने अनिल कटियाल की पूरी कुंडली खंगालने का निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिया। जिसके बाद पता चला कि अनिल कटियाल कोई आईपीएस अधिकारी नहीं बल्कि उत्तर भारत में एक टेलीकॉम कंपनी में बतौर अधिकारी काम करता था।
अनिल कटियाल ने गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने से पहले 14 नवंबर को ट्रांस हिंडन डीसीपी के पीआरओ को फोन किया था। बताया जा रहा है कि गुरुग्राम में विनोद कपूर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इस मामले में अनिल कटियाल ने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि विनोद को हिरासत में लेते समय पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच कराई तो पुलिस की लापरवाही सामने आई। इसी बात पर एक इंस्पेक्टर और एक दरोगा को निलंबित किया गया था।
इस तरह खुला फ्रॉड का मामला
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे फर्जी सेवानिवृत्त आईपीएस अनिल कटियाल ने अपने बारे में जानकारी देते हुये बताया कि वह 1969 बैच का आईपीएस अधिकारी था, सेवानिवृत्त होने के बाद मौजूदा समय में गृह मंत्रालय में काम कर रहा है, पुलिस कमिश्नर ने पहले तो अनिल को सीनियर अधिकारी समझ सम्मान दिया, लेकिन अनिल की एक हरकत पुलिस कमिश्नर को खटक गई। अनिल बार-बार पुलिस कमिश्नर के साथ फोटो लेने की जिद कर रहा था। जैसे ही पुलिस कमिश्नर को शक हुआ उन्होंने जांच कराई। मामला फ्रॉड का मिलते ही अनिल और विनोद को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।
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