मथुरा रिफायनरी आग मामले की जांच के लिए गठित की जायेगी कमेटी

मथुरा रिफायनरी आग मामले की जांच के लिए गठित की जायेगी कमेटी

मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा रिफाइनरी की क्रूड डिस्टिलेशन यूनिट में लगी आग की घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी जिसका गठन आज रिफाइनरी मुख्यालय से आ रही अधिकारियों के टीम के आने के बाद किया जाएगा। ।

मथुरा रिफाइनरी की सीनियर मैनेजर कार्पोरेट कम्यूनिकेशन रेनू पाठक ने बताया कि लगभग 30 प्रतिशत झुलसने के कारण जहां मथुरा रिफाइनरी के जूनियर इंजीनियरिंग असिस्टेन्ट इरफान ( 32), शिफ्ट इंचार्ज मैनेजर प्रोडक्शन राजीव कुमार, ( 33) और ठेका कर्मचारी संतोष(32 ) को अपोलो अस्पताल में भंर्ती कराया गया है, वहीं 15 प्रतिशत से कम झुलस जाने के कारण मैनेजर समीर श्रीवास्तव (57 ) और ठेका कर्मचारी मूलचन्द(58 ) का इलाज मथुरा रिफाइनरी के अस्पताल में चल रहा है।

ठेका कर्मचारी सत्यवान (33 ), ठेका कर्मचारी हरेन्द्र (26 ) एवं ठेका कर्मचारी मुकेश (45 ) को मेट्रो अस्पताल फरीदाबाद में भर्ती कराया गया है। चिकित्सकों के अनुसार उनकी हालत स्थिर है तथा रिफाइनरी प्रबंधन उनकी हालत पर बराबर नजर रखे हुए है।उन्होने बताया कि वैसे तो आग लगने के सही कारण का पता विस्तृत जांच के बाद ही चलेगा किंतु प्रथम दृष्ट्या आग लगने का कारण ऐटमासफियरिक वैक्यूम यूनिट के सीडीयू कालम में नान रिटर्न वाल्व ( एनआरवी)की खराबी मालूम पड़ती है।

इसके कारण वाल्व से थोडा हाइड्रोकार्बन निकल आया जो कि भाप से मिलकर फ्लैश फायर के रूप में बदल गया और आग लग गई।उसके आसपास के क्षेत्र में काम कर रहे आठ लोग इस घटना में झुलस गए हैं। उन्होंने बताया कि संयत्र और मशीनरी को कोई नुकसान नही हुआ है तथा रिफाइनरी की गतिविधियां सामान्य रूप से जारी हैं।

रिफाइनरी की सीनियर मैनेजर कार्पोरेट कम्यूनिकेशन ने बताया कि आग की इस घटना में रिफाइनरी में किसी प्रकार का ब्लास्ट नही हुआ है जैसा कि मीडिया के कुछ क्षे़त्रों में कहा जा रहा है।इंडियन आयल सुरक्षा के उच्चतम मानकों के प्रति प्रतिबद्ध है।उन्होंने यह भी बताया कि 3 अक्टूबर 2024 से मथुरा रिफाइनरी में रख रखाव बेहतर करने के लिए शट डाउन चल रहा है। गौरतलब है कि इस आग की घटना में मथुरा रिफाइनरी के तीन कर्मचारी एवं ठेके पर काम कर रहे पांच कर्मचारी झुलस गए ।

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