अब एक रुपये में दूध की शुद्धता पहचानें...IIT Kanpur के इन्क्यूबेशन सेंटर की सहायता से बनी डिवाइस
दिसंबर से बाजार में होगी आम लोगों के लिए उपलब्ध
कानपुर, अमृत विचार। दूध में मिलावट को अब आम लोग एक रुपये में जांच सकेंगे। इसके लिए सिर्फ आठ सेकेंड का समय लगेगा। दिसंबर महीने में यह डिवाइस बाजार में उपलब्ध हो सकेगी।
डिवाइस को डीआरडीओ की ओर से प्रमाणित भी किया जा चुका है। यह डिवाइस आईआईटी कानपुर के इन्क्यूबेशन सेंटर की सहायता से शोधकर्ता ने 30 लाख रुपये में तैयार की है।
डिवाइस को तैयार करने वाले एस्निफ डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड के एमडी प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि डेयरी उद्योग में होने वाली मिलावट को पहचानने के लिए यह डिवाइस तैयार की गई है।
डिवाइस को ‘मिल्किट’ नाम दिया गया है। यदि दूध में डिर्टेजेंट, यूरिया की मिलावट या नकली दूध है तो यह डिवाइस सिर्फ 8 सकेंड में पता लगाने में सक्षम है। एक बार की दूध की जांच में सिर्फ एक रुपये का खर्च आएगा।
ऐसे करेगी काम
यह पोर्टेबल डिवाइस दूध के प्रमुख घटकों का विश्लेषण करने के लिए उन्नत सेंसर तकनीक का उपयोग करती है। पर्चीनुमा किट को दूध में डालते ही उसमें लगे आठ तरह के डॉट दूध में मौजूद अलग-अलग तरह की मिलावट को पकड़ने में सक्षम हैं। यदि दूध में मिलावट होती है तो डिवाइस में मौजूद डॉट अपना रंग बदलकर मिलावट का साक्ष्य देता है।
डीआरडीओ ने किया प्रमाणित
बताया गया कि डिवाइस को पूर्व में डीआरडीओ की डिफेंस फूड प्रयोगशाला मैसूर ने प्रमाणित किया है। डिवाइस के लिए अब तक 15 हजार से अधिक ऑर्डर आ चुके हैं। इनमें सेना के ऑर्डर भी शामिल हैं।
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